रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान मज़दूर महासंघ ने राज्य सरकार के 1 दिसम्बर से धान खरीदी करने का फैसला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. महासंघ मुख्यमंत्री से मंत्रिमंडल उपसमिति के निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए धान खरीदी 10 नवम्बर से प्रारम्भ करने का आदेश जारी करने की मांग की है, जिससे गरीब किसान दिवाली का त्योहार उत्साह से मना सकें.
छत्तीसगढ़ किसान मज़दूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य रूपन चंद्राकर, पारसनाथ साहू, जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, तेजराम विद्रोही और डॉ संकेत ठाकुर ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों के लिये इस बार दीवाली त्यौहार में पैसा ना होने पर दोहरी मार पड़ने वाली है. कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री से लगातार अनुरोध करने के बावजूद मंत्रिमंडल की उपसमिति द्वारा किसानों की मांगों को ठुकरा देने का फैसला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.
महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि दुःखद तथ्य यह है कि अन्य राज्यों में धान की सरकारी खरीदी 1 सितंबर से प्रारम्भ है, और अब 31 अक्टूबर तक देश भर में शासकीय खरीदी 200 लाख टन पर हो चुकी है. ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार द्वारा धान खरीदी को टालना किसानों के प्रति संवेदनहीनता को जतलाता है.