रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से जुड़े किसान, मजदूर, सामाजिक संगठनों ने विगत दिनों गढ़कलेवा में बैठक कर काले कृषि कानून के खिलाफ राजधानी रायपुर में “किसान संसद” के आयोजन का निर्णय लिया है, जिसमें किसान संगठनों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के सभी निर्वाचित सांसदों एवम लोकसभा चुनाव में उनके निकटमों प्रतिद्वंदियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। महासंघ से जुड़े 25 संगठनों के बैठक की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष एवं जिला किसान संघ बालोद के संरक्षक जनकलाल ठाकुर और सीटू के राज्य सचिव कॉमरेड धर्मराज महापात्र के विशेष उपस्थिति में गढ़कलेवा रायपुर में सम्पन्न हुई।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के देशव्यापी आह्वान पर केन्द्र सरकार की कथित कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ 26-27 नवम्बर 2020 को किसानों ने दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूर विरोधी कानून बनाने तथा सार्वजनिक संस्थाओं व उपक्रमों का निजीकरण, ठेकाकरण के खिलाफ 26 नवंबर को सभी ट्रेड यूनियनों के देशव्यापी हड़ताल में सहयोग करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित कॉरपोरेट परस्त तथा मजदूर विरोधी, किसान विरोधी, जनविरोधी, आम उपभोक्ता विरोधी कानूनों के संबंध में व्यापक चर्चा की गई जिसे लेकर देश के मजदूर और किसान अध्यादेश लाये जाने के समय से ही अपना विरोध कर रहे हैं जो आज एक देशव्यापी आंदोलन का रूप ले लिया है।

छत्तीसगढ़ में 26 नवम्बर को होने वाले मजदूरों के हड़ताल में किसान सम्मिलित होकर अपनी एकजुटता कायम करेंगे और 27 नवम्बर को किसानों के दिल्ली कूच की निरन्तरता में राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल में किसान संसद का आयोजन कर हल्ला बोलेंगें।