किशनगंज। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाओं के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी गई है। किशनगंज बीएसएफ हेडक्वार्टर के अधीन पश्चिम बंगाल से सटी पूरी सीमा पर जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सीमा क्षेत्र में आम लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण किया गया है, जबकि अन्य खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां भी हालात की लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं और अधिकारियों को नियमित रिपोर्ट भेज रही हैं।
निपटने के लिए पूर्ण तैयारी में
किशनगंज भारत के रणनीतिक दृष्टि से महत्वूर्ण ‘चिकन नेक’ यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बेहद करीब स्थित है। यहां से बांग्लादेश की सीमा लगभग 20 किलोमीटर दूर है। इस भौगोलिक संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण तैयारी में हैं। पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती और चौकसी बढ़ा दी गई है।
हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन
उधर बांग्लादेश में 18 दिसंबर को कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाले दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पिटाई कर हत्या और शव जलाने की घटना के बाद कई शहरों में गुस्सा देखा गया। दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और अन्य स्थानों पर विश्व हिंदू परिषद समेत विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाते हुए भारत सरकार से कड़े कूटनीतिक कदम उठाने की मांग की। मौजूदा माहौल को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।
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