रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति और अफसरशाही से जुड़े एक बड़े ठगी मामले में फरार चल रहा केके श्रीवास्तव हिरासत में लिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बेहद करीबी कहे जाने वाला श्रीवास्तव अपने परिवार के साथ भोपाल के एक होटल में छिपा था. EOW और रायपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने भोपाल से उसे हिरासत में लिया है. के के श्रीवास्तव पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलवाने के नाम पर दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से 15 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है.


केके श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ रायपुर के तेलीबांधा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया. एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही दोनों फरार थे. हाईकोर्ट और जिला न्यायालय से उनकी अग्रिम जमानत याचिकाएं भी खारिज हो चुकी थी. जिसके बाद रविवार को EOW ने केके श्रीवास्तव को हिरासत में लिया है.
यह है मामला
बता दें कि केके श्रीवास्तव पर आरोप है कि उसने कांग्रेस सरकार में स्मार्ट सिटी सहित अन्य काम दिलाने के नाम पर दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से ठेका दिलाने के नाम पर क़रीब पंद्रह करोड़ रुपये लिए और ठेका नहीं मिलने पर 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटा देने का वादा किया. इसके बाद जब तय दिन तक पैसा नहीं मिला तो अशोक रावत ने थाने में शिकायत करने की चेतावनी दी, तब उन्होने कंचन श्रीवास्तव के अकाउंट से विभिन्न खातों में तीन करोड़ 40 लाख रुपये वापस लौटाया और तीन-तीन करोड़ रुपये के तीन चेक दिए. बाद में तीनों चेक बाउंस हो गए.
जांच के मुताबिक मामला सिर्फ पंद्रह करोड़ तक ही सिमटा नहीं है, बल्कि केके श्रीवास्तव के खातों में करीब 300 सौ करोड़ से ज्यादा का ट्राजेंक्शन हुआ है. जिसे फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर किया गया है. हैरानी वाली बात यह है कि यह खाते ईडब्ल्यूएस मकानों के रहने वालाें नाम पर है. पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंपी है.
पूर्ववर्ती सरकार के दौरान सियासी गलियारे में केके श्रीवास्तव की पहचान तंत्र क्रिया और पूजा-पाठ करने वाले के चेहरे के तौर पर होती थी, कहा जाता है कि तब सत्ता के शीर्षस्थ नेता भी बिलासपुर जाकर तंत्र कराया करते थे.
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