Benefits Of Kneeling News: घर में जब छोटा बच्चा आता है, पूरा घर बस उसी के इर्द गिर्द होता है और बच्चे की एक एक एक्टिविटी सबके मन को खुशी से भर देती है। फिर चाहे बच्चे की पहली मुस्कान को, उसका पहली बार करवट लेना या फिर पहली बार घुटने से चलना। baby का ये पहला कदम देखकर माँ पापा की खुशी का ठिकाना नहीं रहता।

घुटनों के बल चलने से baby के शरीर को कई फायदे होते हैं, जिससे शायद आप अनजान हों। इससे न सिर्फ शिशु का शारीरिक विकास बेहतर होता है, बल्कि मानसिक विकास में भी असरदार है। चलिए जानते हैं घुटनों के बल चलने से शिशु को होने वाले फायदे।

शारीरिक विकास होता है बेहतर
जब baby घुटनों के बल चलना शुरू करता है, तो वह अपने हाथ और पैर दोनों का अच्छे से use करता है। इससे उनके हाथ और पैरों की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। साथ ही बार-बार चलने से उनका शरीर लचीला बनता है, क्योंकि घुटनों के बल चलने के दौरान शिशुओं को अपना शरीर मोड़ना पड़ता है, लेकिन ध्यान रखें कि जब आपका शिशु घटनों के बल चले, तो उन्हें भरपूर रूप से कैल्शियम और प्रोटीन युक्त आहार दें, ताकि उनकी हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत हो सके।

दृष्टि की बढ़ती है क्षमता
जब आपका baby घुटनों के बल चलना शुरू करता है, तो वह एक जगह से दूसरे जगह पर जाता है और कई नई-नई चीजों को देखता है। इससे उनके आंखों की दृष्टि नियम को समझने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही इससे देखने की क्षमता का धीरे-धीरे विकास होता है। जब बच्चा आपकी गोद में रहता है, तो उसे आसपास की चीजें और दूर रखी चीजें कम समझ आती हैं। लेकिन घुटनों के बल चलने के दौरान उसे आसपास की चीजें और दूर रखी चीजों की समझ बढ़ती है।

समझ का होता है विकास
घुटने से चलने के समय बच्चा कई बार गिरता और संभलता है। ऐसे में उसे कई बार चोट भी लग जाती है। इसी दौरान वह अपनी जिंदगी में छोटे-छोटे रिस्क लेने की शुरुआत करता है। क्योंकि चोट लगने के बावजूद बच्चा फिर उठता है और आगे बढ़ता है।

दिमाग का होता है विकास
जब बच्चा घुटनों के बल चलना शुरू करता है, तो उसके रास्ते में कई तरह की चीजें आती हैं। कभी-कभी कीड़े मकौड़े या फिर कोई अन्य चीज सामने आती है, तो बच्चा अपना दिशा बदल देता है। या फिर वह उस चीज को अपने रास्ते से हटा देता है। इससे उनके अंदर समझ बढ़ती है कि किस समय में क्या करना चाहिए और ऐसे में उनका मानसिक विकास होता है।

बैंलेस बनाना सीखता है बच्चा
शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी होता है कि बच्चा कुछ चीजें खुद-ब-खुद सीखे। जब baby घुटनों के बल चलता है, तो वह बार-बार इधर-उधर गिरता रहता है और खुद ही संभलने की कोशिश भी करता है। ऐसे वे वह खुद से शरीर को बैंलेस करना सीखता है। लेकिन ध्यान रखें कि जब आपका बच्चा घुटनों के बल चले, तो उसके आसपास ही रहें। क्योंकि इस दौरान चोट लगने की भी संभावना ज्यादा होती है। 

दिमाग और शरीर होता है फुर्तीला
जब आपका baby अपने घुटनों के बल चलना शुरू करता है, तो उनके अंदर चीजों को जानने की इच्छा काफी ज्यादा बढ़ती है। क्योंकि जब वे चलते हैं, तो उन्हें बिस्तर के अलावा घर की कई और चीजें दिखती हैं। इससे वे हर चीज को समझने की कोशिश करने लगते हैं। उनके अंदर हर चीज को जानने की इच्छा बढ़ती है। साथ ही वे हर चीज को छूने की कोशिश करते हैं। इससे उनका शरीर और दिमाग दोनों ही फुर्तीला बनता है।

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