रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चारों सलाहकारों ने मोर्चा संभाल लिया है. सीएम भूपेश बघेल के चारों सलाहकार अपने- अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं. माना जा रहा है कि इनके ज़रिए सरकार बेहतर और नए तरीके से काम करेगी.
विनोद वर्मा राजनीतिक सलाहकार के तौर पर रणनीति बनाने का काम करेंगे. जबकि रुचिर गर्ग मीडिया को लेकर सलाह देंगे. राजेश तिवारी विधायकों से सरकार के समन्वय का काम करेंगे, जबकि प्रदीप शर्मा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने की दिशा में काम करेंगे.
आईए जानते हैं कृषि, योजना और ग्रामीण विकास सलाहकार प्रदीप शर्मा के बारे में. प्रदीप शर्मा बिलासपुर के अकलतरी के रहने वाले हैं.
प्रदीप शर्मा
किसी मुख्यमंत्री ने पहली बार किसी को योजना, कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सलाहकार बनाया है तो यकीन मानिये सरकार को प्रदीप शर्मा की जरुरत है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने फ्लैगशिप प्रोग्राम -नरवा, गरवा- घुरवा, बाड़ी को पूरा करने की ज़िम्मेदारी प्रदीप शर्मा के कंधों पर डाली है. प्रदीप शर्मा चारों सलाहकारों में सबसे कम उम्र के हैं। वे किसी एक फील्ड के महारथी नहीं है. बल्कि कई क्षेत्रों में विशेषज्ञ हैं. वे बेहद मिलनसार और हंसमुख स्वभाव के हैं. प्रदीप शर्मा पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले व्यक्ति हैं लेकिन स्वभाव में बेहद खुले हैं. जो मन में होता है वही ज़ुबान पर होता है.
वे बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं. अपने दोस्तों के बीच प्रदीप शर्मा आचार्य के रुप में मशहूर है. प्रदीप शर्मा शिक्षा से पेट्रोलियम इंजीनियर और जिओलॉजी एक्सपर्ट हैं. वे पिछले कई साल से कृषि और ग्रामीण विकास पर काम कर रहे हैं.
प्रदीप शर्मा पेंड्रा के मल्टीपरपज़ के विद्यार्थी रहे हैं. वहां से फिर से रायपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज से जीओलॉजी मे एमटेक किया. इसके बाद उन्होंने फिर से पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में आईएसएम धनबाद से एमटेक किया. पढ़ाई के बाद उन्हें असम में पेट्रोलियम इंजीनियर की नौकरी मिली. शेल, बीपी में काम करने के बाद स्वीडन डेनमार्क में काम किया. उसके बाद वे सब छोड़कर मुंबई आए. रिलायंस पेट्रोलियम में काम किया. मुंबई से 2005 में छत्तीसगढ़ लौट आए. उन्होंने एक एनजीओ ‘सेवा’ बनाया. किसानों के साथ काम करते हुए कृषक बिरादरी बनाई. जिसमें किसान अपनी समस्याओं पर चर्चा करते हैं.
उन्होंने ग्रामीण अर्थनीति, खेती पर गहरा रिसर्च किया. इन्होंने छत्तीसगढ़ के और मध्य भारत के इतिहास और आध्यात्मिक परंपराओं पर काफी काम किया. वे ग्रीन पीस के फाउंडर सदस्य थे. नर्मदा बचाओ आंदोलन से गहरे रुप से जुड़े हुए थे. शर्मा ने दो साल पहले सेंट्रल इंडिया एग्रेरियन लाइलीव फोरम CILF बनाया. जिसमें मध्य भारत के पचास से ज़्यादा एनजीओ शमिल हुए जो खेती पर काम करते थे.
उन्होंने पिछले साल पीपल्स बाइट नाम से कंपनी शुरु की है. जिसमें रुरल इनोवेशन में टेक्नॉलोजिकल रिसर्च का काम किया जाता है. उन्होने माउंट आबू में आयुर्वेदिक दवाओं की कंपनी बनाई थी. कच्छ में पांच साल खेती का काम किया है. उन्हें योग, आयुर्वेद और प्राचीन विद्याओं का गहन अध्ययन किया है. रतनपुर पर उनका लेख काफी मशहूर है. शर्मा ने राजनांदगांव महिला कई हज़ार महिलाओं को स्वयं सहायता समूह जोड़ने का काम किया था. उन्होंने राजनांदगांव में कई वाटर बॉडी बनवाई है. सिद्धातों में प्रदीप शर्मा गांधीवादी हैं. प्रदीप शर्मा देश के गांधीवादियों के बीच काफी मशहूर भी हैं.