गरियाबंद। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रदेश की नदियों को आपस में जोड़ने की योजना बनाई है. इसे चिराग योजना का नाम दिया गया है. इस योजना के तहत प्रदेश की बड़ी नदियों को आपस में इंटरलिंक किया जाएगा और इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना को काफी वक्त से शुरू करना चाहते थे, इसके लिए राज्य सरकार को उन्होंने सुझाव भी दिया था. अब उनकी मंशानुसार चिराग योजना को मूर्त रूप देने का काम शुरू किया जा रहा है.

1500 करोड़ रुपए की इस योजना को शुरू करने के लिए इसे रमन सरकार ने केंद्र सरकार के पास भेज दिया है. कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चिराग योजना के तहत  महानदी-तांदूला, पैरी-महानदी, अहिरन-खारुन, रेहर-अटे और हसदेव-केवई नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा.

उन्होंने कहा कि योजना के दौरान लाखों मजदूरों को रोजगार मिलेगा, वहीं योजना पूरा होने पर किसानों को सूखे और बाढ़ से निजात मिलेगी. कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस योजना को प्रदेश के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होने की बात कही.