छत्तीसगढ़- पूरी दुनिया इन दिनों एक बड़ी विपदा से जूझ रही है. ये विपदा है कोरोना वायरस की. एक ऐसा वायरस जिसने चीन से लेकर अमेरिका, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान जैसे शक्तिशाली देशों में कोहराम मचा दिया है. दुनिया भर में कोरोना को लेकर हाहाकार मचा हुआ. भारत देश भी अब इस वायरस की चपेट में है. भारत के कई राज्यों में कोरोना का कहर दिख रहा है. लाजिमी है छत्तीसगढ़ राज्य भी इससे अछूता कहां रहता. कोरोना ने छत्तीसगढ़ में दस्तक दे दी है. छत्तीसगढ़ में भारत के अन्य राज्यों की तरह स्थिति गंभीर तो नहीं, लेकिन एक केस पॉजिटिव आने के बाद जरूरी हो जाता है कि इससे फैलने से पूरी तरह रोक दिया जाए. पर सवाल ये था कि ऐसा क्या किया जाए कि छत्तीसगढ़ में इस संक्रमण को आगे न बढ़ने दिया जाए ?

 

छत्तीसगढ़ सरकार के सामने ये सवाल किसी चुनौती से कम नहीं था ! चुनौती इस मायने में कि छत्तीसगढ़ दक्षिण-पूर्व मध्य भारत का हिस्सा है. राज्य की सीमाएं कई बड़े राज्यों से जुड़ती है. उन राज्यों से जहां पर कोरोना का व्यापक असर है. जैसे महाराष्ट्र, उत्तप्रदेश, तेलांगना,आंध्रपदेश, उड़ीसा, झारखंड…यही नहीं छत्तीसगढ़ से सर्वाधिक व्यस्ततम रेल्वे मार्ग मुंबई-हावड़ा भी गुजरती है. इसके साथ ही कई राज्यों का सीधा व्यापार छत्तीसगढ़ से ही होता है. वहीं बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ से लोग दूसरे राज्यों में पलायन भी करते हैं. वहीं रायपुर से अब कई राज्यों के लिए हवाई कनेक्टिविटी भी है.

इन तमाम स्थितियों के बीच भूपेश सरकार के लिए सबसे जरूरी ये था कि कौन-कौन कदम एक बाद एक ऐसे उठाएं जिससे कोरोना के प्रभाव को छत्तीसगढ़ में रोका जा सके. लोगों को जागरूक किया जा सके. सावधानी बरतने को कहा जा सके और उन्हें सतर्क किया जा सके. इस दिशा में भूपेश सरकार ने बहुत ही शुरुआती दौर में ही जब छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रवेश नहीं हुआ तभी कई तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि वे इस बार होली नहीं मनाएंगे. साथ ही उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और राजनीतिक दल के साथियों से भी आग्रह किया. लिहाजा कहीं भी न तो सरकार की ओर से और न ही राजनीतिक दलों की ओर से होली का आयोजन हुआ. चूंकि कोरोना की दहशत के बीच ही छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही भी जारी थी, लिहाजा तय किया गया कि सदन की कार्यवाही आगे बढ़ा दी जाए. भूपेश सरकार की पहल पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाकर इस पर विपक्षी सदस्यों के साथ सहमति बनाई गई और फिर सदन में स्पीकर ने इसकी घोषणा कर सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी. सरकार यही नहीं रुकी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों से लगातार बैठक कर कई तरह के निर्देश जारी किए. इन निर्देशों में उन्होंने सभी तरह के सरकारी आयोजनों को रद्द करने को कहा.

मुख्यमंत्री की ओर से कोरोना के रोकथाम के लिए उठाए जरूरी कदम

  • मुख्यमंत्री और मंत्रीगणों के निवास में 31 मार्च तक मिलने जुलने का कार्यक्रम स्थगित रहेगा.
  • पर्यटन स्थलों में में प्रतिबंध लगाया गया.
  • सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों और अफवाओं को फैलाने से बचाने के सख्त निर्देश जारी किए गए.
  • फेक न्यूज और अफवाह फैलाने वालों पर कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की गई.
  • नगरीय निकाय क्षेत्रों में धारा 144 लगाई गई.
  • 31 दिसंबर तक निकाय क्षेत्रों में लाक डाउन का बड़ा फैसला लिया गया.

इससे पहले सरकार इसी तरह से कदम-दर-कदम आगे बढ़ती जा रही थी. इस बीच छत्तीसगढ़ में 18 मार्च को कोरोना के दस्तक की ख़बर आ गई. सरकार ने शुरूआती तैयारी इतनी अच्छी कर ली थी कि इसे फैलने न दिया. लिहाजा संख्या वर्तमान 1 से आगे नहीं बढ़ पाई है. खैर बात तैयारियों की हो रही थी. 18 मार्च को पॉजिटिव केस सामने के बाद सरकार और अलर्ट हो गई. भूपेश सरकार ने भारत सरकार की ओर से मिले सभी गाइड-लाइन को अमल में लाने कह दिया. छत्तीसगढ़ में स्कूल, कॉलेज सहित कई संस्थानों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया. सभी तरह की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया. सरकार बचाव की दिशा में और तेजी से आगे बढ़ी और उन्होंने शिक्षकों के लिए भी छुट्टी तय कर कर दी. इसके साथ सभी शासकीय कर्मचारियों के लिए बायोमैट्रिक को बंद कर दिया गया.

  • सरकार ने कोरोना वायरस पीड़ितों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाए
  • विदेश से आने वाले लोगों को हिदायत दी कि वह 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहे
  • सरकार के निर्देश को नहीं मानने वाले लोगों पर कानूनी कार्यवाही करते हुए क्वारंटाइन सेंटर में रखने के निर्देश जारी हुए
  •  हेल्पलाइन नंबर 104 में फोन कर सूचना देने की अपील की गई
  • आगामी आदेश तक स्कूलों को बंद रखने का सरकार ने निर्णय लिया

भूपेश सरकार वे सारे कदम उठा रही थी जिससे कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके. सरकार इस मसले पर और गंभीर हुई. मुख्यमंत्री ने आपात बैठकें की. बैठक में उन्होंने मंत्रियों से लेकर मंत्रालय और जिले भर के अधिकारियों से चर्चा की. स्पष्ट तौर पर उन्होंने निर्देश दिया कि लोगों को जागरूक करें. लोगों कोरोना से भयभीत न हो इसके इंतजाम किए जाए. साथ ही तत्काल ही उन्होंने सभी जिलों में आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश भी दिए.

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर तत्काल अमल भी हुआ. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने जल्द से अपनी तैयारियां पूरी कर ली. वहीं मुख्यमंत्री ने खुद वीडियो संदेश भी जारी किए. उन्होंने वीडियो संदेश में कोविद-19 के बारे में किए जा रहे उपायों की जानकारी लोगों से साझा की. मुख्यमंत्री ने लोगों से यह भी कहा कि अभी घबराने की जरूरत नहीं, बस सतर्क रहने की जरूरत है. सरकार पूरी तरह से संक्रमण को रोकने के दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम को लेकर सहयोग भी मांगा.

  • संपत्ति कर जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल तक बढ़ाई गई.
  • टोल फ्री नंबर निदान-1100 में भी कोविड 19 से संबंधित शिकायत दर्ज किए जाने का फैसला हुआ.
  • दृष्टिबाधितों के लिए संचालित संस्थानों में ब्रेल लिपि में जागरूकता अभियान की शुरूआत की गई.
  • 15 मार्च से विमान संख्या एआई-651 से रायपुर आने वाले यात्रियों को होम आइसोलेशन में रखने की अपील की गई.
  • फैक्ट्री संचालकों को निर्देशित करते हुए श्रमिकों को वायरस से बचाने विशेष प्लान बनाने के निर्देश दिए गए.
  • निर्देश में श्रमिकों को शिफ्ट में ड्यूटी लगाते हुए कोरोना के प्रति जागरूक करने की हिदायत दी गई.
  • देशी-विदेशी मदिरा दुकानें 23 से 25 मार्च तक बंद.
  • रेस्टोरेंट, होटल बार भी 23 से 25 मार्च तक बंद रहेंगे.
  • क्लब 23 से 31 मार्च तक रहेंगे बंद 
    इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भी मुख्यमंत्री की चर्चा हुई. भारत सरकार से मिले निर्देश और विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में क्या-क्या उपाये किए गए हैं. इसकी उन्होंने समीक्षा की. उन्होंने राजधानी रायपुर के समता कॉलोनी में केस पॉजिटिव सामने के बाद उस इलाके को पूरी तरह से लॉक डाउन करने के निर्देश दिए. साथ ही यह भी निर्देश दिए है कि इलाके जनप्रतिनिधि लोगों की मदद के लिए आगे भी आए. वहीं उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में धारा-144 लागू करने को भी कह दिया. ताकि लोगों की भीड़ कहीं भी इक्कठा न हो सके.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से तेजी से बचाव के कदम उठाए गए. नतीजा ये हुआ कि लोग इसे लेकर सतर्क और सावधान होते गए हैं. मुख्यमंत्री ने इन सबके बीच 104 टोल-फ्री नंबर भी शुरू कर दिया. उन्होंने जनता से अपील की कि जो भी लोग विदेश दौरे से लौटे हैं उसकी जानकारी104 पर दें. 104 की टीम मदद के लिए तैयार है. उन्होंने रायपुर एयरपोर्ट को भी निर्देशित किया कि वहां पर पूरी व्यवस्था दुरस्त रहे. एक के बाद एक मुख्यमंत्री के बड़े फैसले कोरोना से बचाव के लिए सामने आते जा रहे थे. उन्होंने राज्यों की सीमा को सील करने के निर्देश साथ ही सरकार ने बसों के परिचालन पर भी पूरी तरह से रोक 31 मार्च तक लगा दी. इसके साथ ही उन्होंने सभी तरह के सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों को बंद करने के निर्देश भी दे दिए.

छत्तीसगढ़ में इस निर्देश के बाद की स्थिति ये थी कि अब प्रदेश को लॉक डाउन कर दिया जाए. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच यह सबसे महत्वपूर्ण भी था. उन्होंने शराब दुकानों को भी तीन दिन के लिए बंद करने के आदेश दिए. राज्य सरकार की ओर से किए गए आदेश के बाद पूरे छत्तीसगढ़ में आपातकालीन सेवा मेडिकल स्टोर्स, अस्पताल, पुलिस, मीडिया, किराना दुकान, सब्जी दुकान को छोड़कर सभी को बंद कर कर दिया गया.

वास्तव में भूपेश सरकार ने बहुत कम समय में छत्तीसगढ़ में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कई बड़े फैसले लिए. इन फैसलों का जनता स्वागत भी किया है. आज छत्तीसगढ़ की जनता भूपेश सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है. प्रधानमंत्री मोदी के जनता कर्फ्यू अपील का भूपेश सरकार ने भी समर्थन किया और छत्तीसगढ़ की जनता सरकार के साथ खड़ी हुई दिखी. 22 मार्च को शहर में पूरी तरह से सन्नाटा छाया रहा है. लोग अपने घर पर रहे हैं.

यह महज एक रिपोर्ट ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के हित में, प्रदेशवासियों की सुरक्षा के लिए किए प्रयासों की जानकारी है. वो जानकारी जिससे आप और हम सभी जुड़े हैं. हमारी सुरक्षा कैसी होनी चाहिए, सरकार का जनता के प्रति क्या दायित्व है यह सबकुछ इस रिपोर्ट से पढ़कर समझा जा सकता है. सही समय पर भूपेश सरकार की ओर से लिए गए फैसलों का असर है कि प्रदेश में यह संक्रमण फिलहाल एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति में नहीं फैला है. और उम्मीद भी यही करते हैं छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रभाव अब इससे आगे नहीं बढ़ेगा. क्योंकि छत्तीसगढ़ में सरकार के साथ-साथ अब जनता भी पूरी तरह से अलर्ट है.

देखिएं छत्तीसगढ़ में जनता कर्फ्यू की तस्वीरें….