रायपुर। बारिश का मौसम किसे पसंद नहीं होता? हर कोई बारिश के मौसम को सबसे ज्यादा इंजॉय करता है, हमारे शास्त्रों में भी वर्षा ऋतू को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता हैं मगर इस मौसम में भी हमें अपनी त्वचा कि देखभाल करने कि बहुत जरुरत होती है वरना कई प्रकार की बीमारियों से हमें दो चार होना पड़ सकता है, इसलिए लल्लूराम डॉट कॉम ने आज बात कि शहर की प्रसिद्ध त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशुल अग्रवाल से. तो आइये जानते हैं डॉ. अंशुल से कि मौसम में हम अपनी त्वचा का किस तरह ख्याल रख सकते हैं.
ये जरुरी है कि बारिश के मौसम में भी आप अपनी स्किन की पूरी देखभाल करें, चूंकि इस मौसम में ह्युमिडीटी का लेवल काफी अधिक होता है. इस वजह से ये आपके चेहरे के पोर्स को ब्लॉक कर देता है. इसके कारण आप चेहरे पर पिम्पल आने की तकलीफ से दो चार हो सकते हैं. इससे बचने के लिए ये जरुरी है कि आप अपने चेहरे को दिन में 3 से 5 बार वेस वाश से अच्छी तरह धोएं. जिससे आपके चहरे पर ऑइल जमा न हों.

बाहर धूप न होने की स्थिति में भी uv reys हमारी स्किन पर प्रभाव डालती है, इसलिए बेहतर है कि आप घर से बाहर निकलते वक़्त सन क्रीम का इस्तेमाल जरुर करें, यदि आपकी स्किन ऑयली है तो किसी भी जेल बेस्ड मौस्चिराइजर का प्रयोग कर सकते हैं.
डॉ. अंशुल आगे कहती हैं कि बारिश के मौसम में उमस अधिक होने के कारण हमारी त्वचा बहुत अधिक ऑयली हो जाती है जिस वजह से इस मौसम में पस, स्वेलिंग और दर्द जैसी तकलीफें बढ़ जाती हैं. ये सामान्यतः हाथों, पैरों एवं स्कल पर पाए जाती हैं. इनसे निजात पाने के लिए हम उस एरिये की बर्फ से सेकाई कर सकते हैं.

डॉ. अंशुल के अनुसार, हफ्ते में 3 से 4 बार हेडवॉश करने के साथ ही पर्सनल हाईजीन का पूरा ख़याल रखना चाहिए, इसके लिए हम नहाते वक़्त किसी भी एंटीबेक्टीरियल सोप का प्रयोग कर सकते हैंं एकेज्मा एक प्रकार की एलर्जी है जो सामान्यतः गीलेपन कि वजह से होती है, इसमें आपकी त्वचा पर लाल चक्कते पड़ जाते हैं साथ ही स्किन ड्राई हो जाती है. इससे निजात पाने के लिए आप शरीर के उस हिस्से कि गुनगुने पानी से सेकाई करें और नारियल तेल या लगायें. याद रहे एलर्जी के दौरान साबुन का प्रयोग कम से कम करें. तकलीफ ज्यादा बढ़ने पर आप डरमेटोलॉजिस्ट से संपर्क करेंं

इस मौसम में पायी जाने वाली सबसे कॉमन बीमारी है फंगल इंफेक्शन. जिसे हम सामान्य भाषा में दाद कहते हैं. ये बीमारी सामान्यतः शरीर के उन भागों में होती है जहाँ फोल्ड्स होते हैं जैसे थाईज़, कमर और पैर कि उँगलियों के बीच. इस बीमारी में शरीर के हिस्से में लाल चक्कते पड़ जाते हैं और खुजली करते हैं. इन्फेक्शन होने कि स्थिति में आप सीधे मेडिकल शॉप से दवाइयां ना लें क्यूोंकि ऐसे में आपके हाथों में इस्टेरॉइड युक्त ऐसी क्रीम लग सकती है जो आपकी तकलीफ को कम करने के बजाए बढ़ा सकती है. इस बीमारी से बचने के लिए जरुरी है कि आप अपने शरीर को सूखा रखें, शरीर के फोल्ड्स वाले भागों में पाउडर का प्रयोग करें, अपने कपड़ों को परिवार के अन्य सदस्यों के कपड़ों से अलग धोएं और इस मौसम में जहाँ तक हो सूती कपड़े पहनें