रायपुर. आज का पंचांग दिनांक 23.01.2021 शुभ संवत 2077 शक 1942 सूर्य दक्षिणायन का पौष मास शुक्ल पक्ष दसमी तिथि रात्रि को 08 बजकर 57 मिनट तक दिन शनिवार कृतिका नक्षत्र रात्रि को 09 बजकर 33 मिनट तक आज चंद्रमा मेष राशि में आज का राहुकाल दिन 09 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 53 मिनट तक होगा.

साम्ब दशमी पूजा से पायें निरोगी काया

पौष मास को भगवान सूर्य अपने भग-आदित्य नामक रूप में प्रकट होते हैं। आज पौष मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। आज के दिन को साम्ब दशमी के नाम से भी जाना जाता है.

साम्ब पुराण जो सुर्य सम्प्रदाय का एक उपपुराण है उसमें साम्ब दशमी पूजा का वर्णन है। यदुकुल मणि श्रीकृष्ण की अष्टभार्यायों में से एक ऋक्षराज जाम्बवन्त की पुत्री जाम्बवती थी। श्रीकृष्ण की पटरानी देवी रुक्मिणी के पुत्र प्रद्युम्न को देख कर उनके मन में भी वात्सल्य अंकुरित हुआ। उन्होंने श्रीकृष्ण से संतान सुख का निवेदन किया। ऋषि उपमन्यु से शिव भक्ति की दीक्षा ग्रहण करके श्रीकृष्ण ने विकट तपस्या की और भगवान अर्धनारीश्वर प्रकट हुए। श्रीकृष्ण ने भगवान से उनके समान संघारक पुत्र का वरदान मांगा। कालांतर में देवी जाम्बवती को एक रूपवान पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। क्योंकि उनको अर्धनारीश्वर के सम्मिलित रूप से ये पुत्र प्राप्ति हुआ, तोह उस पुत्र का नाम साम्ब हुआ। श्रीकृष्ण का वो पुत्र अत्यंत रूपवान और पराक्रमी होने से उद्दण्ड और उत्पत्ति भी था। उसके कर्म सदैव यादवों के अहित के कारण बनते थे.

एक समय की बात है। देवर्षि नारद श्रीकृष्ण के दर्शन हेतु द्वारका पधारे थे। सभी यादव कुमारों ने उन्हें प्रणाम किया। परंतु अपने दम्भ के आधीन साम्ब ने ऐसा नहीं किया, अपितु उनका वेशभूषा देख कर उनपर हँसने लगा। देवर्षि नारद ने उसको पाठ पढ़ाने की सोची। उन्होंने साम्ब को भगवान को अपनी आगमन की सूचना देने को कहा। उसी समय श्रीकृष्ण अपने रानियों उप रानियों के साथ अंतःपुर में थे। साम्ब ने देवर्षि से क्रोध करके बिना सोचे समझे अंतःपुर में प्रवेश कर लिया था । श्रीकृष्ण की एक पत्नी ने अत्यधिक मदिरा सेवन किया हुआ था। साम्ब के सुंदर रूप से सम्मोहित हो कर उन्होंने कामभावना से वशीभूत होकर उसे आलिंगन कर लिया था। अपने पत्नी के इस व्यवहार पर श्रीकृष्ण ने उनको श्राप दिया कि म्लेच्छों के द्वारा उनका हरण हो जाएगा, एवं उनका कोई उद्धार नहीँ होगा। तत्पश्चात श्रीकृष्ण का क्रोध श्राप बन कर साम्ब पर पड़ा। श्रीकृष्ण ने कहा तुमने सदैव ही मेरे और मेरे कुल के लिए निंदा का आमंत्रण किया है। अपने रूपवान शरीर के दम्भ में तुमने बहुत दुःसाहस किया है। तुम्हारा मुख देखने से ही मुझे क्रोध आता है। अतः में तुम्हें कुष्ठ रोग से पीड़ित होने का श्राप देता हूँ.

श्रीकृष्ण के श्राप के प्रभाव से साम्ब का सम्पूर्ण शरीर कुष्ठ रोग से ग्रसित हो गया। अपने पुत्र की दयनीय दशा देख कर देवी जाम्बवती का हृदय अत्यंत दुखी हो गया। उन्होंने भगवान से इसके निवारण हेतु प्रार्थना की। अन्तमे भगवान ने उसको सूर्यपूजा का उपाय बताया। कुष्ठ रोग के कारण साम्ब चल भी नहीं पा रहे थे। श्रीकृष्ण और जाम्बवती उनको अपने साथ कलिंग देश के चंद्रभागा नदी के तट पर ले गए.

चंद्रभागा के पवित्र जल में श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र को स्नान कराया। फिर उसके पश्चात देवी जाम्बवती और साम्ब ने भगवान सूर्य की उपासना की। भगवान भास्कर उनके आराधना से प्रसन्न हो कर प्रकट हुए और साम्ब को कुष्ठ रोग से मुक्ति दे दी। तब से ये स्थान कोणार्क तीर्थ स्थल के नाम से प्रसिद्ध है.

आज के दिन ओड़िसा में माताएं भगवान सूर्य की पूजा करके उनको भोग चढ़ाते हैं एवं अपने संतान के लिए भगवान दिवाकर से दीर्घायु और आरोग्य जीवन की कामना करती हैं.

इस व्रत के दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है।

पूजा के बाद भगवान सूर्यदेव को याद करते हुए ही तेलरहित भोजन करना चाहिए।

सूर्योदय से पहले ही शुद्ध होकर और स्नान से कर लेना चाहिए.

नहाने के बाद सूर्यनारायण को तीन बार अर्घ्य देकर प्रणाम करें.

संध्या के समय फिर से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करें.

सूर्य के मंत्रों का जाप श्रद्धापूर्वक करें.

आदित्य हृदय का नियमित पाठ करें.

स्वास्थ्य लाभ की कामना, नेत्र रोग से बचने एवं अंधेपन से रक्षा के लिए श्नेत्रोपनिषद्श् का प्रतिदिन पाठ करना चाहिए.

अर्घ्य कैसे दें-

तांबे के बर्तन में जल भरें, इसमें लाल चंदन, कुमकुम और लाल रंग का फूल डालें. सूर्योदय के समय पूर्व की दिशा में मुंह करके अर्घ्य दें. अगर आप सूर्य को अर्घ्य देते समय किसी पौधे की जड़ पर जल चढ़ाते हैं तो और बेहतर होगा.

अपने सिर की ऊंचाई के बराबर तांबे के पात्र को ले जाकर सूर्य मंत्र का जाप करें.

 

आज के राशियों का हाल तथा ग्रहों की चाल –

मेष राशि

बिजनेस मिटिंग के कारण पारिवारिक कार्य रूकेगा…. बिजनेस से वित्तीय ग्रोथ मिलेगी…. आर्थिक स्थिति में उन्नति होगी…. रक्त विकार संभव….

शुक्र से उपाय –

  1. ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें…
  2. वृद्ध महिला की सहायता करें….

वृषभ –

नौकरी के प्रयास में सफलता मिलेगी…. किसी वरिष्ठ व्यक्ति से सहयोग प्राप्त होगा… स्कीन एलर्जी संबंधित कष्ट….

शनि के उपाय –

  1. ‘‘ऊॅ शं शनैश्चराय नमः’’ की एक माला जाप कर दिन की शुरूआत करें…..
  2. भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें….
  3. उड़द या तिल दान करें….

मिथुन –

प्रयास में ज्यादा उत्साह लाना होगा… दोस्तो से लाभ ….. जमीन संबंधी कार्यो में लाभ की संभावना….

आज लाभ की स्थिति को बनाये रखने के लिए…..

  1. ऊॅ गं गणेशाय नमः का एक माला जाप करें….
  2. पौधे का दान करें…..
  3. इलायची खायें एवं खिलायें…..

कर्क –

पड़ोसियो से विवाद या हानि की संभावना…. आज दिनभर हैक्टिक होगा… कार्य में लगातार विलंब भी..

राहु से संबंधित कष्टों से बचाव के लिए –

  1. ऊॅ रां राहवे नमः का एक माला जाप कर दिन की शुरूआत करें..
  2. मूली का दान करें..
  3. सूक्ष्म जीवों को आहार दें..

सिंह –

आज कुछ मन खिन्न रह सकता है….. कुछ कार्य अधूरे रह जायेंगे.. लगातार स्थाईत्व बनाये रखना उचित होगा….

असंभावित हानि से बचने के लिए के निम्न उपाय करने चाहिए –

  1. ऊॅ कें केतवें नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें…
  2. सूक्ष्म जीवों की सेवा करें…
  3. गाय या कुत्ते को आहार दें…

कन्या –

पारिवारिक सदस्यों के बाहर जाने से अकेलापन….. यकृत रोग से कष्ट….

मंगल जनित दोषों को दूर करने के लिए –

  1. ऊॅ अं अंगारकाय नमः का एक माला जाप करें..
  2. हनुमानजी की उपासना करें..
  3. मसूर की दाल, गुड दान करें…

तुला –

जिम्मेदारी में वृद्धि किंतु लाभ में कमी से तनाव…. व्यसन से अपयष… राहु कृत दोषों की निवृत्ति के लिए –

  1. ऊॅ रां राहवे नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें…
  2. काली चीजों का दान करें….

वृश्चिक –

वाहन या मकान में बदलाव… अपनो से धोखा.. उदर विकार…

सूर्य के निम्न उपाय आजमायें-

  1. ऊ धृणि सूर्याय नमः का जाप कर, अध्र्य देकर दिन की शुरूआत करें,
  2. लाल पुष्प, गुड, गेहू का दान करें,
  3. आदित्य ह्दय स्त्रोत का पाठ करें,

धनु –

आत्मविष्वास से कार्य में लाभ… घरेलू सुख में वृद्धि…. फूड पाइजनिंग….

शनि से उत्पन्न कष्टों की निवृत्ति के लिए –

  1. ‘‘ऊॅ शं शनिश्चराय नमः’’ का जाप कर दिन की शुरूआत करें,
  2. भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें,
  3. काले वस्त्र का दान करें,

मकर –

जायदाद संबंधी कार्य से लाभ… धार्मिक स्थल की यात्रा के योग…. जीवनसाथी को स्वास्थगत कष्ट…

मंगल के दोषों की निवृत्ति के लिए –

  1. ऊॅ अं अंगारकाय नमः का एक माला जाप करें..
  2. हनुमानजी की उपासना करें..
  3. मसूर की दाल, गुड दान करें…

कुंभ –

विवाह संबंध तय होने की संभावना…. प्रेमसंबंधों में प्रगाढ़ता…. मातृपक्ष से लाभ…

चंद्रमा के निम्न उपाय करें –

  1. ऊॅ श्रां श्रीं श्रीं एः चंद्रमसे नमः का जाप करें…
  2. दूध, चावल, का दान करें…

मीन –

परिवार में मांगलिक कार्य संपन्न….

आकस्मिक हानि या चोरी…

दोस्तों तथा परिचितों का साथ….

गुरू के लिए निम्न उपाय करें-

  1. ऊॅ गुं गुरूवे नमः का जाप करें …
  2. कुल पुरोहित, ब्राह्ण्य को यथासंभव दान दें …

पंडित – प्रिय शरण त्रिपाठी ज्योतिषाचार्य