सुशील सलाम, कांकेर। आदिवासी बहुल कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने शनिवार को अंतागढ़ में महारैली का आयोजन किया. ग्रामीणों की मांग है कि 18 पंचायतों के 68 गांवों को नारायणपुर जिला में शामिल किया जाए.

ग्रामीणों का कहना है कि कोयलीबेड़ा से कांकेर जिला मुख्यालय करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है, जबकि नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी महज 65 किलोमीटर है. नारायणपुर जिले में शामिल होने से यहां के लोगों को जिला मुख्यालय आने जाने का खर्च कम पड़ेगा और समय की बचत होगी. इसके अलावा गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले स्थानीय आदिवासी परिवार अपने छोटे-छोटे कामों के लिए कांकेर तक नहीं पहुंच पाते हैं, वो भी आसानी से नारायणपुर तक जा सकेंगे.

दूसरी ओर महारैली में शामिल ग्रामीणों ने नारायणपुर जिला में शामिल होने के अनेक फायदे गिनाए. पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण कोयलीबेड़ा इलाके में आज तक आदिवासी बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एक कॉलेज तक नहीं खोला गया है. अंदरूनी गांवों में हालत और भी खराब है. बरसात के दिनों में ज्यादातर गांव अलग-थलग हो जाता है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी आवाज अनसुनी कर दी गई तो उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी जवाबदेही सरकार की होगी.