Army demolishes TMC pandal in Kolkata: बंगाल में एक बार फिर बीजेपी और ममता सरकार के बीच महाभारत शुरु हो गई है. ममता बनर्जी ने बंगाली बोलने वाले लोगों के साथ हो रहे उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल रखा है. इसी क्रम में राजधानी कोलकता में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने एक मैदान में अस्थायी मंच तैयार की थी, जिसे भारतीय सेना ने परमीशन की अवधि बीतने के बाद हटा दिया. इसकी जानकारी मिलते ही टीएमसी भड़क गई और इसे विपक्षी दलों को दबाने की बीजेपी की साजिश करार दिया.

सेना के एक्शन के बाद मौके पर पहुंची दीदी

अपनी पार्टी का पंडाल खाली कराए जाने की सूचना के तुरंत बाद सीएम ममता बनर्जी अपने लाव-लश्कर के साथ आर्मी ग्राउंड पहुंची. तब तक सेना के जवान कई बल्लियां खोल चुके थे और ऊपर का तिरपाल हटा चुके थे. सीएम ने अपने समर्थकों के साथ खुले पंडाल में ही सभा की और मोदी सरकार पर जमकर बरसीं.

ममता बनर्जी ने केंद्र पर लगाए आरोप

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सेना के इस एक्शन पर को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राजनीतिक साज़िश करार दिया. उन्होंने कहा, हमने भाषा आंदोलन शुरु किया था, लेकिन सेना ने मंच को हटा दिया, जो कि बीजेपी और रक्षा मंत्री के द्वारा सेना के दुरुपयोग है.

मुख्यमंत्री ममता ने सेना से अपील किया है कि वह निष्पक्ष रहें और बीजेपी के राजनीतिक खेल में न फंसें. उन्होंने कहा, ‘सेना का यूनिफॉर्म अनमोल है, दिन की घटनाओं के लिए BJP जिम्मेदार है, सेना नहीं.’

सेना ने क्या कहा ?

सेना के स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, टीएमसी को मंच लगाने के लिए महज़ दो दिनों का समय दिया गया था. लेकिन उन्होंने अपना मंच एक महीने से लगा रखा था. कई बार इसे हटाने के निर्देश मिलने के बावजूद इसे हटाया नहीं गया था. पुलिस को सूचित किए जाने के बार फिर ये कार्रवाई की गई.

ममता बनर्जी के आरोपों पर क्या बोली सेना?

वहीं रक्षा मंत्रालय ने सीएम ममता बनर्जी के आरोपों को निराधार बताया. मंत्रलाय के प्रवक्ता हिमांशु तिवारी ने बताया, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कोलकाता में स्थानीय सैन्य अधिकारी किसी भी कार्यक्रम के लिए तीन दिनों की अनुमति दे सकते हैं. अगर तीन दिनों से ज़्यादा की अनुमति चाहिए तो रक्षा मंत्रालय से संपर्क करना होगा. इस कार्यक्रम के लिए अगस्त की शुरुआत में तीन दिनों की अनुमति दी गई थी. लेकिन अब एक महीना हो गया है. लिहाजा नियमों का पालन करते हुए सेना अब इसे (मंच को) हटा रही है.’

BJP ने क्या कहा?

बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा कि राजनीतिक दलों को कार्यक्रम के लिए अनुमित मिलती है. लेकिन समय का भी पालन करना चाहिए. सीएम ममता राजनीतिक लाभ लेने के लिए मामले को तूल दे रही हैं.

आंदोलन के बहाने असेंबली चुनावों पर नजर!

एक्सपर्टों के मुताबिक, भाषा आंदोलन के बहाने ममता की नजर असेंबली चुनावों पर है. ये चुनाव अगले साल मार्च-अप्रैल में हो सकते हैं. पिछले चुनाव में टीएमसी ने 213 सीटें जीती थीं. जबकि इस बार वे 215 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं. इसके लिए वे बंगाली अस्मिता के नाम पर लोगों को एकजुट करना चाहती हैं और उन मुद्दों से ध्यान हटाना चाहती हैं, जिने लोग उनसे नाराज हैं.

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