कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर 42 दिनों के बाद शनिवार सुबह आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी पर लौट आए. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में वे ‘काम बंद करो’ आंदोलन पर थे.

जूनियर डॉक्टर सभी सरकारी अस्पतालों में आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं में अपनी ड्यूटी पर लौट आए, लेकिन बाह्य रोगी विभाग (OPD) में नहीं.

आंदोलनकारी डॉक्टरों ने बताया, ” आज से हमने ड्यूटी पर लौटना शुरू कर दिया है. हमारे सहकर्मी आज सुबह से केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं में अपने-अपने विभागों में लौटना शुरू कर चुके हैं, लेकिन OPD में नहीं. कृपया यह न भूलें कि यह केवल आंशिक रूप से ड्यूटी पर लौटना है.”

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उन्होंने कहा कि उनके अन्य सहकर्मी पहले ही राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए रवाना हो चुके हैं, जहां वे चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच भी सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए ‘अभया क्लीनिक’ (चिकित्सा शिविर) शुरू करेंगे.

आंदोलनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे मृतक डॉक्टर के लिए न्याय और राज्य स्वास्थ्य सचिव को हटाने की उनकी मांगों को पूरा करने के लिए अगले 7 दिनों तक इंतजार करेंगे, अन्यथा वे ‘काम बंद’ का दौर शुरू करेंगे.

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला चिकित्सक का शव मिलने के बाद से ही डॉक्टर 9 अगस्त से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और मामले में प्रमुख अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए उन्हें उनके पदों से हटाने की मांग कर रहे हैं.

मामले की जांच कर रही CBI ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है.