Korba-Raigarh News Update : कोरबा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कोरबा-चांपा रेल सेक्शन में शनिवार को सरगबुंदिया स्टेशन के आगे एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक गाय और उसके बछड़े की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. इस घटना के कारण लिंक एक्सप्रेस को काफी देर तक मौके पर रोका गया, जिससे ट्रेन लगभग एक घंटे विलंब से बिलासपुर पहुंची.

कोरबा से होकर दक्षिण भारत के विशाखापट्टनम के लिए चलने वाली लिंक एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय 4:10 बजे कोरबा स्टेशन से रवाना हुई थी. ट्रेन अभी लगभग 20 किलोमीटर की दूरी ही तय कर पाई थी कि सरगबुंदिया स्टेशन से आगे यह हादसा हो गया. ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों के अनुसार, रेलवे ट्रैक के पास मौजूद खड़ी ट्रेन. दुर्घटना के बाद कुछ देर के लिए मौके पर एक गाय और उसका बछड़ा अचानक ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका और स्टेशन प्रबंधन व जीआरपी को सूचित किया. मौके पर पहुंची टीम द्वारा मृत गोवंश को ट्रैक से हटाए जाने के बाद ही ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया. इस हादसे के चलते लिंक एक्सप्रेस लगभग आधे घंटे की देरी से बिलासपुर पहुंची.

28 दिन बाद 1 लाख 72 हजार 590 क्विंटल धान का हुआ उठाव

कोरबा. उपार्जन केंद्रों में धान की बिक्री के लिए किसानों की भीड़ लग रही है. अब तक जिलें में 4 लाख 55 हजार 364 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है. खरीदी शुरू होने के 28 दिन बाद 1 लाख 72 हजार 590 क्विंटल धान का उठाव हुआ है. समितियों में 2 लाख 83 हजार 234 क्विंटल धान शेष है. देरी से अनुबंध होने का असर उठाव पर देखा जा रहा है. हाथी प्रभावित क्षेत्रों में उठाव पर खरीदी भारी पड़ने लगा है. वहीं बफर लिमिट से पहले उठाव में तत्परता बरती जा रही है.

सबसे अधिक समस्या हाथी प्रभावित क्षेत्र कुदमुरा, पिपरिया, पसान, पसरखेत, मदवानी, चिर्रा में है, जिसके आसपास हाथी विचरण कर रहे हैं. जहां फड़ प्रभारी खुले में रखे धान की सुरक्षा के लिए रात में जागकर पहरा दे रहे है. जिले में हाथी की संख्या बढ़ने के साथ उत्पात भी बढ़ गया है. कोरबा व कटघोरा वन मंडल में हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है. खरीफ का मुख्य फसल धान है. गंध से ही हाथी इसकी फसल को भांप लेते हैं. यही वजह है कि दल ने सर्वाधिक नुकसान धान की फसल को पहुंचाया है. जिन किसानो के फसल सुरक्षित रह गए हैं वे उपार्जन केंद्रों में शीघ्र बिक्री करने की जुगत में लग गए हैं. यही वजह है कि प्रभावित क्षेत्र के उपार्जन केंद्रों में धान लिमिट से अधिक जाम होने लगे हैं. सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र पसान के उपार्जन केंद्र में 7925 क्विंटल धान की खरीदी की है. शनिवार की स्थिति में यहां धान का पूर्ण उठाव कर लिया गया है. कुदमुरा में 713 क्विंटल धान की खरीदी हुई है यहां भी उठाव पूर्ण हैं. वहीं आश्रित उपार्जन केंद्र लैंगा में जाम की स्थिति शून्य है. विपणन विभाग को हाथी प्रभावित क्षेत्र के उपार्जन केंद्रों के धान को उठाव प्राथमिकता के साथ करने के लिए कहा है. बीते वर्ष करतला विकासखंड के कई उपार्जन केंद्रों में हाथी ने धान का नुकसान पहुंचाया था. उठाव में प्राथमिकता नहीं दिए जाने से नुकसान की आशंका बनी हुई है. हाथी प्रभावित क्षेत्रों में धान उठाव की तत्परता के चलते दीगर उपार्जन केंद्रों में धान जाम होने लगा है.

जिला विपणन अधिकारी ऋतुराज देवांगन ने जानकारी दी कि हाथी प्रभावित क्षेत्रों के उपार्जन केंद्रों से धान के उठाव के लिए डीओ काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पसान, लैंगा, जटगा जैसे प्रभावित क्षेत्रों धान का शत प्रतिशत उठाव हो चुका है. लेमरु, कुदमुरा से धान उठाने की तैयारी चल रही है.

कड़कड़ाती ठंड में सड़क पर महिला ने नवजात को दिया जन्म

कोरबा. निहारिका-कोसाबाड़ी मुख्यमार्ग में पेट्रोल पंप के समीप लोगों की नजर दर्द से कराहती महिला पर पड़ी. वे करीब पहुंचे तो नजारा देख स्तब्ध रह गए. दरअसल खुले आसमान के नीचे कड़कती ठंड के बीच महिला के करीब नवजात शिशु था. जिसका जन्म कुछ ही देर पहले हुआ था. महिला की हालत देख लोग मदद के लिए सामने आए. सर्जिकल होम के महिला कर्मियों ने मशक्कत के बाद जच्चा बच्चा को महतारी एक्सप्रेस की मदद से मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया. विडंबना तो यह है कि घटना की जानकारी मिलने पर भी परिजनों ने मुंह मोड़ लिया. उन्होंने अस्पताल आने से साफ मना कर दिया.

यह वाक्या शनिवार सुबह करीब 7.30 बजे सामने आया. दरअसल प्रतिदिन की तरह निहारिका कोसाबाड़ी मार्ग में लोगों की आवाजाही चल रही थी. इसी बीच पेट्रोल पंप के कर्मचारी और आसपास मौजूद लोगों को किसी महिला के दर्द से कराहने की आवाज सुनाई दी. वे आसपास नजर दौड़ाने लगे, इस दौरान उनकी नजर एक अस्पताल के ठीक सामने कार की आड़ पर गई. जहां महिला दर्द में होने के बावजूद नवजात शिशु को संभालने का प्रयास कर रही थी. यह देख मौके पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई. उन्हें यह समझते देर नहीं लगी कि महिला ने कुछ ही देर पहले बेटी को जन्म दिया है. खुले आसमान के नीचे कड़कते ठंड के बीच प्रसव के कारण जच्चा बच्चा दोनों को ही खतरा हो सकता था, जिसे देखते हुए लोग मदद के लिए आगे आ गए.

उन्होंने महिला से बातचीत शुरू की, लेकिन वह कुछ भी बोलने तैयार नहीं थी. जब सर्जिकल होम के महिला कर्मचारियों ने बातचीत की तो प्रसूता ने नाम तो बता दिया, लेकिन इसके आगे कुछ भी बोलने तैयार नहीं हुई. इस बीच किसी ने 102 महतारी एक्सप्रेस को सूचना दे दी थी. महतारी एक्सप्रेस को लेकर पायलट रविकांत मानिकपुरी मौके पर पहुंच गया, लेकिन प्रसूता सरकारी अस्पताल जाने से इंकार करती रही. वह समीप ही स्थित एक निजी अस्पताल में पूर्व से ही जांच चलने की बात कह रही थी. वह निजी अस्पताल जाने की जिद पर अड़ी रही. आखिरकार सर्जिकल होम के महिला कर्मियों ने मान मनौवल कर जच्चा बच्चा को महतारी एक्सप्रेस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया. यहां भी प्रसूता वाहन से उतरने में आनाकानी करती रही, आखिरकार स्वास्थ्य कर्मियों ने वाहन में ही उपचार की जरूरी प्रक्रिया पूरी की. तत्पश्चात उसे अस्पताल दाखिल किया गया. खासबात तो यह है कि महिला की पहचान होने के बाद परिजनों से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने अस्पताल आने से साफ इंकार कर दिया. बहरहाल नवजात को एसएनसीयू में रखा गया है. अस्पताल प्रबंधन प्रसूता को लेकर आला अधिकारियों के अलावा महिला व बाल विकास विभाग से संपर्क कर अग्रिम कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

मेडिकल कालेज अस्पताल के डॉ. आदित्य सिसोदिया ने कहा कि करीब 10.30-11 बजे एक पेसेंट आई थी. उसका एम्बुलेंस में प्रसव हुआ था. उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही थी. नवजात पूरी तरह स्वस्थ है. परिजनों ने जान पहचान से मना कर दिया. उन्होंने दो तीन साल से घर छोड़कर चले जाने की बात कही है. उसका पहला बच्चा कहां है जानकारी नहीं है. वर्तमान में महिला का इलाज चल रहा है. अग्रिम कार्रवाई के लिए महिला व बाल विकास विभाग से संपर्क किया गया है.

ट्रेलर के पीछे घुसी बाइक, युवक की मौत

कोरबा. जिले में सड़क हादसे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. एक बार फिर सड़क किनारे खड़े ट्रेलर के पीछे टकराने से बाइक सवार युवक की मौत हो गई. उसका साथी गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना उस वक्त घटित हुई जब दोनों काम कर घर लौट रहे थे. मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. घटना शुक्रवार की रात करीब 8 बजे घटित हुई. बताया जा रहा है कि बलौदा थानांतर्गत ग्राम बुढ़ना में पुनिश राम निवास करता है. उसका पुत्र रविशंकर 23 वर्ष मानिकपुर में पीसी चलाने का काम करता था. वह प्रतिदिन की तरह अपने साथी के साथ काम पर आया था. वे दोनों काम कर घर लौट रहे थे. वे उरगा थाना क्षेत्र में तरदा के समीप पहुंचे थे, इसी दौरान सामने से आ रही कार की तेज रोशनी से बाइक चला रहे युवक की आंखे चौंधिया गई. जिससे बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े ब्रेक डाउन ट्रेलर के नीचे जा घुसी. हादसे में बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. उसमें सवार रविशंकर गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि उसके साथी को भी गंभीर चोंटे आई. उन्हें ईलाज के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टरों ने रविशंकर को मृत घोषित कर दिया. अस्पताली मेमो मिलने पर पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई पूरी कर ली है. मामले में पुलिस जांच पड़ताल कर रही है.

शिकार के लिए बिछाए करंट तार में फंसकर दो की मौत

रायगढ़. शिकार के लिए जंगल में बिछाए करंट प्रवाहित तार के संपर्क में आकर दो ग्रामीणों की मौत हो गई. घटना से बचने के लिए उसके साथियों ने दोनों का शव जंगल में ही छिपा दिया. जब दोनों ग्रामीण घर नहीं लौट तो परिजनों ने अपने स्तर पर खोजबीन किया. जिसके बाद चक्रधरनगर थाने में पहुंचकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस टीम मौके लिए रवाना हुई. जहां से दोनों के शव को बाहर निकला है. संदेही 4 साथयिों को चक्रधरनगर पुलिस ने हिरासत में लिया है.

जबकि एक साथी फरार है, जिसकी पतासाजी में लगी हुई है. जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिला मुख्यालय से तकरीबन 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम छोटे रेगड़ा पुनीलाल यादव 51 साल एवं संदीप उरांव 24 साल 9 दिसंबर की सुबह 4 बजे घर से निकले थे. बताया जा रहा है दोनों मृतक के साथ राजू उरांव, विकास उरांव, जय किशन, रमेश उरांव और आकाश उरांव लगातार जंगलों में जाकर सुवर का शिकार करते थे. 9 दिसंबर को

भी गए हुए थे. जहां तार बिछाने के बाद दोनों कंरट प्रवाहित तार के संपर्क में आ गए. जहां घर नहीं लौटे तो परिजनों ने इसकी सूचना चक्रधरनगर थाने में दर्ज कराई. जहां पुलिस ने चार संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है. वहीं एक संदेही आरोपी फरार है. 

जंगल में छिपा दी साथियों की लाश

आरोपी पूरा गिरोह बनाकर लंबे समय से जंगल में शिकार करते है. जहां हादसे के बाद डरे से दोनों का शव जंगल में छुपा दिया. जिसकी भनक गांव वालों को लग चुकी थी. ऐसे में परिजनों ने इसकी सूचना चक्रधरनगर को दे दी. जहां पुलिस ने संदेहियों को पकड़ा है. पुलिस इस मामले में चार आरोपियों राजू उरांव, विकास उरांव, जय किशन, रमेश उरांव को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है वहीं एक अन्य आकाश उरांव की पतासाजी की जा रही है.

थाना प्रभारी जीआर साहू ने बताया कि मामले की सूचना पर पुलिस ने शव को बरामद कर पीएम के लिए भेज दिया है. पुलिस टीम ने चार संदेहियों को हिरासत में लिया है. परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी.