Korba-Raigarh News Update : धोखाधड़ी का आरोपी पुलिसकर्मियों को अस्पताल से चकमा देकर फरार हो गया है. आरोपी सुनियोजित तरीके से तबीयत बिगड़ने का बहाना बनाकर रायगढ़ पहुंचा हुआ था. जिसे कर्मचारियों द्वारा शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसने मना करते हुए प्रायवेट अस्पताल जाने की बात कही. जहां सुबह-सुबह 4 बजे अपने भतीजा के साथ बाहर निकलकर फरार हो गया है. भागने में उसके भतीजे ने आरोपी का पूरा साथ दिया. पुलिसकर्मियों ने पकड़ने का प्रयास किया तो उसे धक्का दे दिया गया है. शिकायत पर चक्रधरनगर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.

जानकारी के अनुसार आरक्षक सोनेलाल कुजूर थाना धरमजयगढ़ में पदस्थ है. उन्होने बताया कि 17 मई को थाना धरमजयगढ़ में आरोपी शेषकुमार साहू पिता स्व. लालसाय साहू 50 वर्ष पता ग्राम  सुर्सी थाना सरिया जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ हाल मुकाम पतरापारा थाना धरमजयगढ़ के स्वास्थ के ईलाज कराने के लिए थाना से कत्तर्व्य प्रमाण पत्र देकर आरोपी व उसके परिजनों के साथ
रायगढ़ रवाना किया गया था. आरक्षक और उसके परिजनों भाई लिंगराज साहू व पत्नी के साथ रायगढ़ आया. जिला अस्पताल में
भर्ती कराना चाह रहा था परंतु यहां अच्छा ईलाज नहीं होगा ईलाज के अभाव में अगर कुछ हो गया तो पूरी जवाबदारी पुलिस विभाग की होगी कहते हुए उनके द्वारा प्राइवेट अस्पताल में ले जाने के लिए दबाव बनाने पर बालाजी मेट्रो अस्पताल में ईलाज के लिए भर्ती किया. अगले दिन साथ ड्यूटी करने के लिए आरक्षक प्यारा जीवन टोप्पो को भी भेजा गया था. दोनों उसके ईलाज के दौरान ड्यूटी कर रहे थे. जहां शेषकुमार साहू का भतीजा कमलेश साहू पहले दिन से ही उसके साथ था और ईलाज करा रहा था. 20 मई को प्रातः करीब 4 बजे शेषकुमार साहू औऱ उसका भतीजा कमलेश साहू दोनों चुपचाप अस्पताल के बाहर आ गए थे. दोनों आरक्षक उसे रोकने की कोशिश किये तो शेष कुमार साहू ने आरक्षक प्यारा जीवन को धक्का देकर गिरा दिया व भागने लगा. उसको पकड़ने के लिए उसके पीछे जाने के लिए हुआ तो कमलेश साहू पीछे जाने से रोकने लगा. जहां दोनों ने आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया मगर आरोपी फरार हो गया.

भागने में आरोपी के भतीजे ने दिया साथ

आरक्षक ने बताया कि आरोपी शेषकुमार साहू के पीछे दौड़ते हुए गए परंतु अंधेरे का फायदा उठाकर आरोपी कहीं भाग निकला. उसे खोजने का बहुत प्रयास किया परंतु नहीं मिला है. उन्होने बताया कि उसका भतीजा कमलेश साहू भी वहां से भाग गया. आरोपी के भतीजे ने भागने में पूरा साथ दिया है. उसके धक्का देने से आरक्षक को पीठ में चोंट आई है. आरोपी और उसके परिजनों द्वारा पहले से ही प्लानिंग कर उसे भगाया गया है. मामले की शिकायत चक्रधरनगर थाने में कर दी गई है.

जनरल परेड में अनुपस्थित 127 सैनिकों को नोटिस जारी

कोरबा. जिला सेनानी के फरमान से नगर सैनिकों में हड़कंप मच गया है. ब्रिटिश काल में निर्धारित नियम कायदों का आंशिक बदलाव के साथ आज भी पालन कराया जा रहा है. इसकी बानगी प्रत्येक सोमवार और  गुरूवार को देखी जा सकती है. दरअसल सैनिकों के लिए माह में आठ दिन जनरल परेड में शामिल होना अनिवार्य किया गया है. जिसकी अनदेखी करीब 127 सैनिकों को महंगा पड़ गया. उन्हें विभाग से नोटिस जारी करते हुए अलग-अलग दिन कार्यालयीन अवधि में जिला सेनानी कार्यालय तलब किया गया है.

देश में नगर सेना का गठन 1947 में किया गया था. जिसका मूल उद्देश्य आपदा सहित अन्य परिस्थितियों में लोगों की मदद करना था. स्वयं सेवी के रूप में काम करने वाले नगर सैनिकों को अनुशासित ढंग से रखने नियम कायदे भी निर्धारित किए गए थे, ताकि उन्हें संगठित और सहायता के लिए तत्पर रखा जा सके. नागरिक सुरक्षा एक्ट लागू होने पर वर्ष 1972 में नगर सेना को होम गार्ड्स के तहत लाया गया. नगर सेना के स्वरूप में समय के साथ साथ बदलाव भी होता रहा. वर्तमान में नगर सैनिक न सिर्फ पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लॉ एंड आर्डर कायम रखने में सहयोग कर रहे. उनके कंधे पर वीआईपी ड्यूटी और आपदा प्रबंधन सहित अन्य जिम्मेदारी भी है. नगर सैनिकों की अलग अलग स्थानों पर ड्यूटी भी लगाई गई है, जिसका वे पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन भी कर रहे हैं, लेकिन बीते कुछ माह से सैनिकों की परेशानी बढ़ गई है.

दरअसल, जिला सेनानी कार्यालय में सप्ताह के दो दिन सोमवार और गुरूवार जनरल परेड कराया जा रहा है. इस लिहाज से माह के आठ दिन होने वाले जनरल परेड में सैनिकों की उपस्थिति अनिवार्य है. जनरल परेड में शामिल होने की अनिवार्यता ने सैनिकों की परेशानी बढ़ा दी है. कई सैनिक ऐसे हैं, जिनकी तैनाती जिला मुख्यालय से कोसों दूर हैं. उन्हें परेड के लिए एक दिन पहले ही जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है. जिसमें आवाजाही के कारण मानसिक के साथ साथ आर्थिक परेशानी होती है. इनमें कई सैनिक ऐसे भी हैं, जिनकी उपस्थिति कार्य में व्यवस्तता के कारण मुश्किल होता है. इन तमाम समस्याओ के बीच विभाग से जारी नोटिस ने सैनिको में हड़कंप मचा दिया है.

बताया रहा है कि विभाग ने जनरल परेश में शामिल नहीं होने वाले 127 सैनिकों को नोटिस जारी किया है. इनमें नायक, लांस नायक भी शामिल हैं. विभाग से जारी नोटिस में सैनिकों की उपस्थिति और अनुपस्थित रहने के दिन भी दर्ज हैं. इन सभी सैनिकों को अलग अलग दिन जिला सेनानी कार्यालय में उपस्थित होने कहा गया है. जिला सेनानी के फरमान को लेकर सैनिकों में आक्रोश भी पनप रहा है. चर्चा है कि कुछ सैनिक निर्धारित तिथि व समय में जिला सेनानी कार्यालय तो पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने उपस्थिति में दस्तखत करने से इंकार कर दिया है. खासबात तो यह है कि विभाग में करीब सवा तीन सौ महिला और पुरूष सैनिक सेवा दे रहे हैं, इनमें एक साथ सौ से अधिक सैनिकों को नोटिस जारी करना ही अपने आप में नाराजगी का कारण बन रहा है. मामले को लेकर नगर सेना के जिला सेनानी से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन मोबाइल रिसिव नही हुआ.

एथलेटिक्स प्रतियोगिता आज

कोरबा. खेलो इंडिया के तहत अस्मिता महिला वर्ग में 14 व 16 वर्ष से कम उम्र में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया व भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय के मार्गदर्शन में देश के 300 जिलों में अस्मिता एथलेटिक्स लीग का आयोजन किया जा रहा है. जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव डी सुरेश क्रिस्टोफर ने बताया कि 28 नवंबर को बालिका वर्ग में प्रतियोगिता का आयोजन सुबह 9 बजे से पीजी कालेज खेल मैदान में किया गया है जिसमें 14 व 16 वर्ष की बालिका ही भाग ले सकती है.

पुरानी रंजिश में बालिका की हत्या, पिता-पुत्र को पुलिस ने भेजा जेल

रायगढ़. लैलूंगा थानाक्षेत्र के ग्राम कुर्रा में मंगलवार की शाम 7 वर्षीय बालिका का शव पड़ोसी आरती प्रसाद राठिया के घर के भीतर मिला, जिसके बाद परिजनों ने तत्काल पुलिस को हत्या की आशंका से अवगत कराया. सूचना पर पुलिस टीम और एफएसएल टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया, जहां प्राथमिक जांच में हत्या का मामला स्पष्ट होता दिखा.

पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी को जांच से जुड़ी महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए. घटना के संबंध में मृतिका के मामा डोलेश्वर राठिया ने बताया कि 17 नवंबर को भांजी को उसके पिता आश्रम से घर लेकर आए थे और वह उनके ही घर में रह रही थी. मंगलवार शाम बालिका खेलने के लिए निकली, लेकिन लौटकर नहीं आई तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. इस दौरान जानकारी मिली कि पड़ोसी आरती प्रसाद राठिया ने उसे गली में खेलते समय अपने घर बुलाया था, जिसके बाद बालिका दिखाई नहीं दी. शक के आधार पर जब परिजन लक्ष्मी राठिया के घर में खोज के लिए पहुंचे तो बालिका का शव कमरे में कंबल से ढका हुआ मिला और उसकी गर्दन पर साड़ी लिपटी हुई थी. परिजनों ने पड़ोसी आरती प्रसाद और लक्ष्मी राठिया पर मिलकर बच्ची की गला दबाकर हत्या करने का आरोप लगाया.

लैलूंगा पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों पर हत्या का अपराध धारा 103(1), 238, 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर दोनों संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ में दोनों ने पुरानी रंजिश के कारण बालिका की हत्या करना स्वीकार किया. पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि हत्या के बाद दोनों आरोपियों ने बच्ची के शव को घर के भीतर कंबल में छिपाकर रख दिया था. पुलिस ने आरोपियों के मेमोरण्डम के आधार पर घटनास्थल से प्रयुक्त कंबल को वजह सबूत के रूप में जब्त किया. आरोपी आरती प्रसाद राठिया, पिता लक्ष्मी राठिया 23 वर्ष, लक्ष्मी राठिया, पिता सनतराम राठिया 50 वर्ष, निवासी ग्राम कुर्रा, थाना लैलूंगा, दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें रिमांड पर भेज दिया गया.