नीरज काकोटिया, बालाघाट। शिक्षा विभाग (education Department) के अफसरों की लापरवाही का खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं। मामला बालाघाट जिले के कटंगी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले कोसुंबा शासकीय माध्यमिक स्कूल ( kosumba government secondary school) का है। स्कूल का डाईस कोड दो साल से राज्य शासन के एजुकेशन पोर्टल (MP Education Portal)  से गायब है। इसके कारण स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को मध्याह्न भोजन और छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है। इससे नाराज होकर पालकों ने शुक्रवार को स्कूल में ताला जड़ दिया। 

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समस्या को लेकर पालक शिक्षक संघ और ग्रामीण दो सालों में आयुक्त, कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर मुलाकात कर शिकायत कर चुके हैं। बावजूद इसके समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है। इससे नाराज होकर ग्रामीण बच्चों के साथ स्कूल पहुंचकर स्कूल में तालाबंदी कर दी। मामले में बालाघाट जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी उपाध्याय ( Balaghat District Education Officer Ashwini Upadhyay)  ने कहा है कि उनकी उच्च अधिकारियों से बात हो गई है जल्द ही समस्या जा समाधान निकाल लिया जाएगा ।

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ग्रामीणों के प्रदर्शन की जानकारी जब शिक्षा विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी मिली तो बीआरसी दर्पण गौतम, संकुल प्राचार्य मौके पर पहुंचे। उन्होनें ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। हालांकि ग्रामीणों ने इन अफसरों की एक नहीं सुनी और स्कूल में ताला जड़ दिया। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होता तब तक स्कूल नहीं खुलेगा। क्षेत्र में पहली बार बच्चों की शिक्षा और सुविधाओं को लेकर ग्रामीण अभिभावक खुलकर सामने आए है।

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2016 से हुई समस्या की शुरुआत 

इस समस्या का जन्म राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत शासकीय माध्यमिक स्कूल के उन्नयन के बाद का है। सरकार के इस अभियान के चलते माध्यमिक शाला को 2016 में हाईस्कूल में उन्नयन किया था। हालांकि हाईस्कूल भवन नहीं होने के कारण माध्यमिक स्कूल में ही हाईस्कूल संचालित किया गया।  3 साल बाद जब हाईस्कूल का भवन बनकर तैयार हुआ और मैपिंग की गई तो माध्यमिक स्कूल का नाम छूट गया और एजुकेशन पोर्टल से डाइस कोड विलोपित कर दिया। इसके बाद से यह समस्या खड़ी हो गई। स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों और शिक्षकों के नाम हाईस्कूल के डाइस कोड में प्रदर्शित होने लगे। ऐसे में जब इस समस्या को पालक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के अफसरों के संज्ञान में लाया। तब कहीं जाकर माध्यमिक शाला के डाइस कोड को पोर्टल पर जोड़ने की कार्रवाई शुरू करने के लिए आवेदन किया। हालांकि कार्रवाई आज तक पूरी नहीं हो सकी है। बीते दिनों माध्यमिक शाला के बच्चों का नाम हाईस्कूल के डाइस कोड में जुड़ा होने के कारण इन्हें गणवेश तो मिल गई लेकिन अन्य सुविधाओं से बच्चे अब भी मोहताज है।

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