रायपुर. कृषि कर्मण पुरस्कार छतीसगढ़ के किसानों को समर्पित है. जिस तरह से आने वाले समय में छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री किसान के प्रति कृषि के विकास के प्रति जो उनकी सोच है सारे उनके प्रयास सार्थक हो रहे हैं और उसी का प्रतिफल ये ट्राफी है. ये ट्रॉफी छतीसगढ़ सरकार के उपलब्धियों पर है. कोई पिछले सरकार और अगले सरकार के लिए ट्रॉफी नहीं होता. छतीसगढ़ सरकार के कार्यों के अनुसार साल 2017-18 में जिस तरीके से उत्पादन का लक्ष्य था उससे ज्यादा हासिल हुआ उसके लिए ट्रॉफी दिए गया है. किसी की उपलब्धि नहीं है ये छतीसगढ़ के किसानों की उपलब्धि है. यह बात कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर कही. कृषि मंत्री प्रधानमंत्री के हाथों कृषि कर्मण पुरस्कार लेने के बाद शुक्रवार शाम को रायपुर पहुंचे.

एयरपोर्ट पर रविंद्र चौबे ने बताया कि छतीसगढ़ के लिए ये बड़ी उपलब्धि है. गुरुवार को कृषि कर्मण पुरस्कार प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार के साथ 5 करोड़ की राशि भी सरकार को प्राप्त हुई है.

केंद्र और राज्यों के संबंध पर कहा कि केंद्र और राज्यों के जो संबंध है, केंद्र से हम टकराहट नहीं चाहते, हमेशा केंद्र से हम आग्रह करते हैं. मुद्दा केवल एक था, वो भी छतीसगढ़ के किसानों के हित का था. और अभी भी उसमें हम कायम है. 24 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का निर्देश है, उसके बाद भी हम सरकार से आग्रह कर रहे हैं. गुरुवार को भी केंद्रीय कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री से थोड़ी बातें हुई है.

समर्थन मूल्य की कमिटी के लिए कहा कि पहले जो कमिटी बनी थी वहीं बनी है और कमिटी को 1 महीने का समय दिया गया है. थोड़ा अध्ययन करना है आंध्रप्रदेश में किस तरह से रायतु दिया जाता है. ओडिशा में किस तरह से कालिया दिया जाता है. छत्तीसगढ़ के किसानों को न्याय योजना के तहत जो अतिरिक्त राशि है, उसे उपलब्ध करा सके. उसके लिए विचार भी करेंगे और योजना भी बनाएंगे.