Krishna Janmashtami 2024: भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. इस तिथि पर जन्माष्टमी मनाई जाती है. मंदिरों को और घरों में पूजा स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है. भगवान के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल को विराजित किया जाता है. बाल क्रीड़ा की झांकियां बनाई जाती हैं. माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है. श्रीकृष्ण के भजन गाए जाते हैं. इस दिन भगवान भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विशेष चीजों का दान करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. आईए इस बारे में जानते हैं.
मोरपंख दान का विशेष महत्व
भगवान कृष्ण अपने मुकुट में मोर पंख धारण किए होते हैं. मान्यता है कि मोरपंख कृष्ण की कृपा प्राप्त करने का एक जरिया है. जन्माष्टमी पर मोरपंख दान करने से व्यक्ति के काम में आ रही रुकावटें दूर होती हैं. मनोकामनाएं पूरी होती है. मोरपंख को फलदायी भी माना जाता है.
माखन दान
माखन श्रीकृष्ण को सबसे प्रिय है. अपने बालकाल में भगवान ने माखन को खूब खाया, अपने साखाओं को खूब खिलाया. इसलिए उन्हें माखनचोर भी कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र में माखन का संबंध शुक्र ग्रह से बताया गया है. इसलिए माखन दान करने से शुक्रदोष से छुटकारा मिलता है.धन-धान्य में खूब वृद्धि होती है.
वस्त्र दान
जन्माष्टमी के अवसर पर वस्त्र दान शुभ माना जाता है. इसके दान करने से दरिद्रता से दूरी होती है.
अन्न दान
इस दिन दान-पुण्य करने से शुभ परिणाम मिल सकते हैं. साथ ही अक्षय फलों की भी प्राप्ति होती है.
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें