मथुरा/वृंदावन। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा और उनकी लीलास्थली वृंदावन में इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी इन पवित्र स्थलों पर आस्था और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के अवसर पर पूरे देशभर में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है, लेकिन मथुरा और वृंदावन में इसका उल्लास और भव्यता एक अलग ही स्तर पर होती है।

मथुरा में 26 अगस्त को जन्माष्टमी का भव्य आयोजन


मथुरा, जो कि भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है, इस बार 26 अगस्त को जन्माष्टमी के पर्व पर विशेष तैयारियों के साथ सजी हुई है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, भक्तों से खचाखच भरा रहेगा। इस दिन मंदिर को 20 घंटे तक खुला रखा जाएगा ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकें। मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत अभिषेक और पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा।

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विशेष कार्यक्रम और सजावट


श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, जन्माष्टमी के उत्सव की शुरुआत 26 अगस्त को सुबह 5.30 बजे मंगला आरती से होगी। इसके बाद, सुबह 8.00 बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। रात्रि 11.00 बजे से मुख्य कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा, जिसमें श्रीकृष्ण के जन्म की महाआरती का आयोजन विशेष आकर्षण होगा। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों को भव्य रूप से सजाया गया है, जिससे श्रद्धालु यहां आकर आस्था और भक्ति के वातावरण में डूब सकें।

वृंदावन में 27 अगस्त को जन्माष्टमी की धूम


वृंदावन, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की लीलास्थली कहा जाता है, में जन्माष्टमी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा। वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होगा। बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन ही विशेष मंगला आरती की जाती है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

बांके बिहारी का महाभिषेक


जन्माष्टमी की रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का बाला महाभिषेक किया जाएगा, जो कि करीब 2 घंटे तक चलेगा। यह अभिषेक केवल एक बार, इसी दिन किया जाता है। इसके बाद ठाकुर जी को पीतांबरी पोशाक और चिरौंजी मेवे से बनी पंजीरी का भोग लगाया जाएगा। इस महाभिषेक और मंगला आरती को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी, जिससे पूरे वृंदावन का वातावरण भक्तिमय हो जाएगा।

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श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं


मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी के अवसर पर भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन और मंदिर समितियों द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। मंदिर के विभिन्न द्वारों पर श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल और अन्य सामान रखने की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही, मंदिर परिसर और मुख्य स्थलों पर चिकित्सा शिविर और ‘खोया-पाया’ केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटा जा सके।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम


श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल और स्वयंसेवकों को विभिन्न स्थलों पर तैनात किया गया है। शोभायात्रा के मार्गों पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिससे श्रद्धालु बिना किसी अवरोध के भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में सम्मिलित हो सकें।

अयोध्या की तर्ज पर मथुरा में भव्य मंदिर की कामना


इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा और वृंदावन में विशेष उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि यहां के स्थानीय निवासी और भक्तगण भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर के निर्माण की कामना कर रहे हैं। जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, उसी प्रकार मथुरा में भी भगवान श्रीकृष्ण के लिए एक भव्य मंदिर की परिकल्पना की जा रही है। श्रद्धालुओं में इस विषय पर विशेष चर्चा हो रही है और उनके मन में भगवान के भव्य मंदिर की स्थापना की कामना है।

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