पटना। पूरे बिहार में आज बड़े धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जिलों में खास तैयारियां की गई हैं और जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन होगा। मंदिरों और घरों में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की जाएगी और देर रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी का विशेष महत्व
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में भक्त उपवास, कीर्तन और पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जन्माष्टमी पर तुलसी पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है, इसलिए कृष्ण जन्मोत्सव पर तुलसी के बिना प्रसाद अधूरा माना जाता है।
तुलसी पूजा करनी चाहिए
पड़ियों के अनुसार इस दिन विशेष रूप से तुलसी पूजा करनी चाहिए और पूजन में तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं बाल बांधकर ही तुलसी की पूजा करें और काले वस्त्र धारण करने से बचें। इसके अलावा जन्माष्टमी की शाम को तुलसी को छूना वर्जित है क्योंकि तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण के साथ माता तुलसी की भी पूजा करनी चाहिए और परिक्रमा करके अपनी मनोकामना मांगनी चाहिए।
तुलसी के समीप करें नामजप
जन्माष्टमी पर तुलसी के समीप गंदगी नहीं होनी चाहिए और श्रद्धालुओं को वहां बैठकर भगवान श्रीकृष्ण के नाम—गोपाल, गोविंद, देवकीनंदन और दामोदर—का जाप करना चाहिए। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
भक्ति और उल्लास का माहौल
राज्य भर के मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। विभिन्न जिलों में झांकियां निकाली जाएंगी और रात्रि में भगवान के जन्म के साथ भक्ति गीतों और नृत्यों का आयोजन होगा। खासकर युवा वर्ग मटकी फोड़ प्रतियोगिता को लेकर उत्साहित है।
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