रायपुर. छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है. यहां श्रीकृष्ण भगवान से जुड़ी ऐतिहासिक मंदिर आज भी मौजूद है. इन्हीं में से एक प्राचीन मंदिर गोकुल चंद्रमा हवेली है, जो रायपुर सदर बाजार में स्थित है. गोकुल चंद्रमा हवेली मंदिर का इतिहास लगभग ढाई सौ साल पुराना है. यहां भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए रोज भक्तों की भीड़ लगती है.
मंदिर की अधिकारी मीना पंड्या ने बताया कि गोकुल चंद्रमा हवेली का इतिहास जितना पुराना है उतना रोचक भी है. यहां सुबह मंगला से लेकर शाम शयन तक दर्शन होता है. इस बीच रोजाना सैकड़ों भक्त दर्शन करने आते हैं. रोजाना आरती के बाद पान बीड़ा का प्रसाद बांटा जाता है.
हवेली में हर त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. हवेली में कृष्ण लला की बाल स्वरूप में सेवा होती है. लल्ला को तरह-तरह का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि निधि स्वरूप हवेली होने की वजह से कृष्ण जन्म के दूसरे दिन शंकर भगवान कृष्ण लला के दर्शन के लिए आते हैं. वैसे तो अन्य मंदिरों में भी कृष्ण लला का श्रृंगार होता है, लेकिन गोकुल चंद्रमा हवेली में भारी श्रृंगार होता है. हवेली में राजाधिराज की बाल स्वरूप में पूजा, लालन पालन होता है.
ठाकुर जी के दर्शन का निर्धारित है ये समय
श्री गोकुल चंद्रमा हवेली में ठाकुर जी के दर्शन का समय भी निर्धारित है. ठाकुरजी के दर्शन का समय सुबह 8:00 से 8:15 तक मंगला, सुबह 9:30 बजे श्रृंगार, सुबह 11:30 बजे राजभोग, संध्या 4:30 बजे उत्थापन , शाम 5:30 बजे भोग, संध्या आरती और रात्रि 7:00 बजे शयन का समय निर्धारित है.
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