अनिल मालवीय, इछावर। जिस तरह श्री कृष्ण के प्रेम में दीवानी होकर मीराबाई ने सांसारिक बन्धनों से मुक्त होकर वैराग्य धारण कर लिया था। उसी तरह मध्य प्रदेश की एक महिला ने भी बचपन में वैराग्य धारण कर लिया। हम बात कर रहे हैं इछावर की रहने वाली गीता देवी की, जिन्होंने 14 साल की उम्र में ही खुद को कृष्ण को समर्पित कर दिया।

माखन को भगवान का भेजा प्रसाद बताते हैं भक्त 

इछावर तहसील के एक छोटे से गांव मोलगा में रहने वाली गीता देवी 14 साल की आयु से ही वैराग्य धारण कर दिन रात भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना कर भक्ति और प्रेम की अलख जगा रही है। वह पिछले 24 सालों से प्रतिदिन भगवान की पूजा अर्चना कर भक्तों को माखन के प्रसाद वितरण कर रही है। भक्तजन इस माखन को खुद भगवान का भेजा प्रसाद बताते हैं। उनका कहना है कि यह प्रसाद ईश्वर की ओर से आया है।

हाथों में अपने आप आ जाते हैं 20 ग्राम माखन 

गीता देवी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना के बाद जैसे ही अपने हाथों को बंद करती है, उनके हाथों में 20 ग्राम के लगभग माखन अपने आप आ जाता है। हाथों में माखन का आना वर्षों से अबूझ पहेली बनी हुई है। लेकिन भक्तजन और श्रद्धालु इसे भगवान श्रीकृष्ण का भेजा गया ब्रज का माखन मानते हुए इसे ग्रहण करने के लिए बडी संख्या में यहां पहुंचते हैं। जन्माष्टमी के मौके पर यहां विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने और प्रसाद ग्रहण करने के लिए आसपास के गांवों सहित दूर दराज से बडी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

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