लखनऊ. राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे बसे पंतनगर, रहीम नगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी और अबरार नगर पर एलडीए का बुलडोजर नहीं चलेगा. इस कार्रवाई की जद में लगभग 1000 मकान आने वाले थे, लेकिन सीएम योगी के निद्रेश के बाद ये कार्रवाई नहीं होगी. दरअसल, पंतनगर, अबरार नगर, रहीम नगर और इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में सिंचाई विभाग, एलडीए, नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने कुकरैल नदी के 50 मीटर दायरे को चिन्हित किया है. कई घरों पर लाल निशान भी लगाए गए हैं. अब कॉलोनी के लोगों ने सर्वे के विरोध में अपने घर के बाहर रजिस्ट्री की कॉपी चिपका दिया है. हालांकि यहां के लोगों के अब राहत भरी खबर सामने आई है.
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लखनऊ में पंतनगर, खुर्रमनगर, अबरार नगर समेत कुकरैल नदी किनारे बने मकान अब नहीं तोड़े जाएंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों के साथ हुई बैठक में ये निर्देश दिया है. सूत्रों का कहना है कि लाल निशाने वाले मकानों को नहीं तोड़ा जाएगा. सभी मकानों से लाल निशान हटाए जा सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि मकानों पर लगाए गए सभी लाल निशान भी हटाए जाएंगे. लखनऊ विकास प्राधिकरण तथा सिंचाई विभाग खुद लाल निशान मिटाने जाएगा.
CM योगी ने दिए निर्देश
सूत्रों का कहना है कि लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे सैकड़ों मकानों पर ध्वस्तीकरण की लटकी तलवार फिलहाल टल गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंतनगर, खुर्रम नगर, अबरार नगर सहित कुकरैल नदी के किनारे बने मकान नहीं तोड़ने के आदेश दिए हैं. सीएम ने अफसरों से कहा कि कुकरेल नदी के दोनों तरफ 50-50 मीटर का दायरा तय किया. नदी का दायरा 35 मीटर में ही रहेगी. जो इस समय है. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी, लखनऊ की कमिश्नर, नगर आयुक्त तथा एलडीए उपाध्यक्ष को तत्काल आदेश का पालन करने को कहा है.
माननीयों के नाम की शिलापट्टी क्यों?
पंतनगर में रहने वाले लोगों का कहना है कि हमारे पास सभी दस्तावेज हैं. लोगों ने सवाल उठाया कि यह कालोनियां अवैध हैं, तो विभागों ने यहां सड़क, पानी, सीवर और लाइट की सुविधा क्यों दी. लोगों ने प्रशासन से सवाल करते हुए कहा कि अगर निर्माण कार्य अवैध रूप से हुआ है तो विकास कार्यों के लिए माननीयों के नाम की शिलापट्ट क्यों लगाई गई.
घर बनाने में लगा दी पूरी कमाई
महिलाओं और बच्चों ने रोते हुए कहा कि घर बनाने में पूरी कमाई लगा दी. सालोंसाल बीत गए और अब एकदम से इन्हें यह अवैध लगने लगा. कहा कुकरैल कभी नदी थी ही नहीं… यह नाला है. महिलाओं ने कहा कि अगर हम गलत हैं तो अफसर भी गलत हैं.
लोगों में थी दहशत
यहां रहने वाले लोगों को जब से पता चला है कॉलोनी गिरा दी जाएगी, तब से खाना पीना छूट गया है. लोग देर रात तक जाग रहे हैं, दहशत का माहौल है, छोटी बच्चियां हाथ में पंतनगर का पोस्टर लिए विरोध कर रही हैं. रोते हुए कह रही हैं कि हमारे पैरंट्स ने सालों साल लोन देकर यह मकान लिया. अब हम कहां जाएंगे, कहां खेलेंगे.
घरों पर लगाए गए हैं लाल निशान
बता दें कि कुकरैल नदी की जमीन पर बसी कॉलोनियों के सर्वे के लिए सिंचाई विभाग और प्रशासन की टीम लगाई गई थी. टीम ने कुकरैल नदी और डूब क्षेत्र में आने वाले हिस्से में हुए निर्माण पर लाल निशान लगाए हैं. एलडीए को शासन से जिम्मेदारी दी गई है कि भवन स्वामियों का पता लगाए और उन्हें नोटिस दें.
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