रायपुर। वीसी शुक्ल के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला करने वाले जोगी कांग्रेस के नेता विधान मिश्रा पर वीसी के संबंधियों और उनके करीबियों ने पलटवार किया है. विधान मिश्रा ने कहा था कि वीसी शुक्ल होते तो जोगी कांग्रेस में रहते. इस पर वीसी शुक्ला के निकट संबधी कुणाल शुक्ला ने कहा कि विधान मिश्रा को शर्म आनी चाहिए वीसी का नाम लेते हुए. वो विद्याचरण के गद्दार हैं.

दूसरी तरफ अंतिम समय तक वीसी शुक्ल के साथ रहे उनके मीडिया प्रमुख दौलत रोहड़ा ने विधान मिश्रा से पूछा कि वीसी के इतने ही बड़े समर्थक थे तो 2000 में क्यों उन्हें छोड़ दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि विधान ने जीवन भर विद्या भैया के नाम पर राजनीति की और उनके मरने के बाद भी उनका नाम लेकर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विधान मिश्रा ये बात कैसे जानते हैं कि वीसी रहते तो क्या होता. विधान को ये तक नहीं मालूम नहीं है कि वीसी शुक्ल कितने बार के सांसद हैं. विधान मिश्रा सार्वजनिक रुप से वीसी को 7 बार के सांसद बताते हैं जबकि वीसी 9 बार सांसद बने थे जिसमें से एक बार उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया था.

उन्होंने कहा कि वीसी के अस्पताल की ज़मीन रद्द होने पर विधान ने कहा था कि उस वक्त विधान ने मामले को हाईकोर्ट में ले जाने का वादा किया था लेकिन इस मसले पर बयान देने के बाद वे खामोश हो गए.

वहीं इस मसले पर वीसी शुक्ल के निकट संबंधी कुणाल शुक्ल ने कहा कि विधान मिश्रा में थोड़ी भी शर्म नहीं बची है. ये विद्याचरण के बल पर भिखारी से राजा हुए और आज उनके चिर प्रतिद्वंदी अजीत जोगी की गोद में बैठे हुए हैं. इन्हें वीसी का नाम लेने का भी हक़ नहीं है.