मनीष मारू, आगर मालवा।  आगर मालवा और राजगढ़ जिले की सीमा पर 46 हजार करोड़ की लागत से बने कुंडालिया बांध के भु-अर्जन और अन्य मुआवजा प्रकरणो में हुई घोटालेबाजी की लोकायुक्त वर्ष 2016 से जांच कर रही है। लोकायुक्त जांच के दायरे में 3 कलेक्टर, 4 डिप्टी कलेक्टर और 3 तहसीलदार समेत पटवारियों के अलावा, जल संसाधन विभाग के कई अधिकारी इसमें शामिल हैं।

आगर मालवा। मध्य प्रदेश के आगर मालवा और राजगढ़ जिले की सीमा पर 46 हजार करोड़ की लागत से बने कुंडालिया बांध के भूमि-अर्जन और मुआवजा प्रकरणों में हुए घोटाले की जांच लोकायुक्त वर्ष 2016 से कर रही है। जांच के दायरे में 3 कलेक्टर, 4 डिप्टी कलेक्टर, 3 तहसीलदार, पटवारी और जल संसाधन विभाग के कई अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कुछ अधिकारी रिटायर्ड हो चुके हैं और कुछ का स्थानांतरण अन्य जिलों में हो चुका है, लेकिन इनके समय के घोटाले अब उजागर हो रहे हैं।

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लोकायुक्त जांच दल इस मामले में 60 से भी अधिक लोगों और अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुका है। मामले में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर 4 दलाल मिले हैं, जिनमें से अधिकांश अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। बताया जा रहा है कि बयान दर्ज कराने वालों ने अन्य कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के नाम भी खोले हैं, जिसके आधार पर उनसे भी पूछताछ हो रही है। आगर जिले के जिला कोषालय से भी लोकायुक्त ने 2016 से 2024 के बीच कुंडालिया बांध में मुआवजे के नाम पर कितनी राशि किसको दी गई है, इसकी जानकारी भी हासिल की गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

जिला कलेक्टर ने जारी किए थे FIR के निर्देश

कुंडालिया बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले ग्राम भंडावद और आसपास के 3 गांव में नाबालिगों को बालिग बताकर उनके दस्तावेजों में जन्मतिथि में हेराफेरी करके करोड़ों का मुआवजा हासिल करने के मामले की जिला कलेक्टर ने जांच कराई, जिसमें करीब 5 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ। इसके बाद संबंधितों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। जिला कलेक्टर के निर्देश को एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस “मामले की जांच की जा रही है” कहकर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

जांच अभी जारी है

कुंडालिया बांध परियोजना में मुआवजा वितरण की गड़बड़ियों और घोटाले की जांच की जा रही है। 2016 से 2024 के बीच के मामलों की जांच हो रही है, इसलिए इसमें समय लग सकता है। जांच दल ने कई लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं। आगर जिला कलेक्टर ने मुआवजा संबंधित घोटाले में क्या आदेश दिए हैं, इससे लोकायुक्त का कोई लेना-देना नहीं है।

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