रायपुर. श्रम विभाग ने राज्य के अंदर फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को कार्यस्थल तक (अंतर जिला या आश्रय स्थल से कार्यस्थल तक) पहुंचाने के लिए आवागमन के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया है. जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य के अंदर कोविड़-19 के संक्रमण के रोकथाम के परिप्रेक्ष्य में चिन्हित जिले या हॉटस्पॉटस के भीतर कंटेन्मेंट जोन को छोड़कर राज्य के शेष क्षेत्र में 20 अप्रैल से अतिरिक्त गतिविधियों की अनुमति प्रदान की गई है. संकट में फंस प्रवासी श्रमिकों को उद्योग, कृषि, निर्माण एवं अन्य कार्यों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आश्रय स्थल से कार्यस्थल तक भेजने या यातायात के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) निम्नानुसार निर्धारित की गई है-

  1. शासन के द्वारा संचालित आश्रय स्थल/रिलिफ कैम्प में निवासरत प्रवासी श्रमिकों के कार्य कौशल की पहचान या चिन्हांकित किया जाकर उसके अनुसार उपयुक्त कार्य उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन के द्वारा पंजीयन किया जाएगा. कौशल चिन्हित करने के बाद उसका जिला स्तर में अनुमति प्राप्त उद्योगों या गतिविधियों में प्लेसमेंट के लिये संभावना तलाशकर कार्य दिलाया जाये अथवा पूर्व से कार्यरत कार्यस्थल के लिए इच्छुक होने पर आवश्यक कार्यवाही की जाए.
  2. जिला प्रशासन द्वारा श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद ही स्वस्थ्य पाये जाने पर ही राज्य के भीतर अन्य स्थानों पर जाने की अनुमति दी जाए.
  3. संदर्भित पत्र (कमांक-3) के माध्यम से पूर्व में ही श्रमिकों का अन्य राज्यों में आवागमन प्रतिबंधित किया गया है. अतः यह पुनः स्पष्ट किया जाता है कि प्रवासी श्रमिकों के कार्यस्थल तक आवागमन जिले के भीतर या अंतरजिला अर्थात छग राज्य के भीतर हो सकता है, राज्य के बाहर नहीं.
  4. श्रमिकों के आवागमन के लिए वाहन व्यवस्था में प्रर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप बस या वाहन को सैनिटाइज करना एवं अन्य कार्यवाही करना सुनिश्चित की जाए.
  5. कोरोना संक्रमण के रोकथाम व नियंत्रण के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 15 अप्रैल को जारी दिशा-निर्देशों एवं छग शासन द्वारा जारी संदर्भित पत्र (कमांक-2) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए.
  6. परिवहन अवधि में समुचित वाहन से यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा श्रमिकों के लिए पौष्टिक भोजन एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए.