रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है। सीएससी संचालक विनोद सिंह राजपूत की शिकायत और वायरल ऑडियो की खबर के बाद मंत्री लखनलाल देवांगन ने मामले में संज्ञान लिया है, जिसके बाद श्रम विभाग ने श्रम निरीक्षक लोकेन्द्र वैष्णव से दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं समय पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

श्रमायुक्त कार्यालय, नवा रायपुर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि 8 जुलाई को लल्लूराम डॉट कॉम में प्रकाशित खबर- “मंत्री आ रहे हैं, खर्चा लगेगा…” के आधार पर यह मामला संज्ञान में लिया गया। खबर में यह आरोप सामने आया था कि श्रम निरीक्षक ने योजनाओं की स्वीकृति के एवज में पांच हजार रुपये की मांग की थी, जो गंडई निवासी शिवकुमार साहू के खाते में जमा कराई गई। इस कथित सौदे की पुष्टि एक वायरल ऑडियो क्लिप से भी हुई, जिसमें श्रम निरीक्षक की आवाज़ सुनी जा सकती है।
प्रशासन ने इस ऑडियो को प्रथम दृष्टया गंभीर मानते हुए कहा है कि इससे यह भी प्रतीत होता है कि अन्य सीएससी सेंटरों से भी इसी तरह की अवैध वसूली की जा रही होगी। इस पूरे प्रकरण पर श्रम निरीक्षक लोकेन्द्र वैष्णव को नोटिस जारी कर दो दिनों में लिखित जवाब देने को कहा गया है। जवाब न देने की स्थिति में उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
सीएससी संचालक विनोद सिंह राजपूत ने श्रम निरीक्षक पर आरोप लगाया था कि श्रम कार्ड और नोनी सशक्तिकरण योजना के आवेदन पास करने के लिए उनसे बार-बार पैसे मांगे जा रहे थे। पैसे न देने पर महिलाओं के आवेदन कई बार निरस्त कर दिए गए। शिकायत में यह भी दावा किया गया कि निरीक्षक ने एक व्यक्ति, शिवकुमार साहू, को ‘एजेंट’ बना रखा था, जिसके खाते में पैसे डलवाकर बाद में उन्हें अधिकारी को ट्रांसफर कराया जाता था।
देखें नोटिस की कॉपी

इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि शासन स्तर पर मामले को गंभीरता से लिया गया है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि श्रम निरीक्षक क्या जवाब देते हैं और प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और कठोरता से कदम उठाता है।
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