लुधियाना. बारात से विदा होते ही दुल्हन माँ बन गई. यह वाकई आपको आश्चर्यजनक लग रहा है लेकिन यह बात सौ फीसदी सच है. दुल्हन ससुराल पहुँचने से पहले ही माँ बन गई. हरियाणा के अंबाला में वैवाहिक रस्में पूरी होने के बाद दूल्हे और दुल्हन को विदा किया गया. मगर रास्ते में ही दुल्हन को लेबर पेन शुरू हो गया. आनन-फानन में दुल्हन को रास्ते में ही एक सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया जहाँ दुल्हन ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.

दूल्हे के परिजनों का शक दुल्हन पर हावी होता इससे पहले ही दूल्हे ने बताया कि नवजात बच्ची का बाप वह खुद है. फिर परिजनों ने दुल्हन को स्वीकार किया और सकुशल दुल्हन और बच्ची को घर ले गए. दूल्हा राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है, जबकि दुल्हन हरियाणा के जालंधर की रहने वाली है. जानकारी के मुताबिक, बुधवार की रात जालंधर में शादी संपन्न हुई और भरतपुर लौटते वक्त लुधियाना-राजपुरा के बीच दुल्हन ने सरकारी अस्पताल में गुरुवार की सुबह बच्ची को जन्म दिया.

दरअसल दोनों की शादी दो साल पहले तय हुई थी और दूल्हे ने बताया कि इस बीच वह लड़की से मिलता जुलता रहा था. भरतपुर के रहने वाले 21 वर्षीय युवक की दो साल पहले जालंधर की रहने वाली 19 वर्षीय लड़की से शादी तय हुई थी. बुधवार को जालंधर में उनकी शादी हुई. भरतपुर से लड़के का पूरा परिवार बारात लेकर जालंधर आया हुआ था. विवाह तो सकुशल संपन्न हो गया और बुधवार की रात ही दुल्हन को भी विदा कर दिया गया, लेकिन ससुराल जाते हुए रास्ते में ही दुल्हन को लेबर पेन शुरू हो गया.

बुधवार की रात करीब 1.0 बजे ससुराल वालों ने दुल्हन को राजपुरा से आगे सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया, जहां गुरुवार की सुबह करीब 4.0 बजे दुल्हन ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया. लोग कुछ और शक शुबहा करें, उससे पहले दूल्हे ने स्वीकार किया कि यह उसी की बेटी है. हालांकि अस्पताल प्रबंधन को भरोसा नहीं हुआ और उन्होंने महिला आयोग को इसकी खबर दे दी. महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ ने अस्पताल पहुंचकर दुल्हन से बातचीत भी की. हालांकि दुल्हन ने उनसे किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की.

अस्पताल प्रबंधन ने दुल्हन को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया तो दूल्हे और दुल्हन ने अस्पताल रजिस्टर में लिख दिया कि वे अपनी मर्जी से वहां से जा रहे हैं और बच्ची की सारी जिम्मेदारी उनकी है. दूल्हे ने भी इन सब पर कोई अफसोस जाहिर नहीं किया है और न ही उन्होंने बच्चे से छुटकारा पाना चाहा. उसने गर्भवती हो चुकी पत्नी को स्वीकार किया और बच्चा होने की पूरी जिम्मेदारी भी ली. दूल्हा बुधवार को जालंधर आया तो था सिर्फ दुल्हन लेने, लेकिन अगले दिन दुल्हन के साथ नवजात बेटी को लेकर घर पहुंचा.