सुधीर सिंह राजपूत, मिर्जापुर. हमने अक्सर ये कहावत सुनी है कि मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसे उसकी मजदूरी मिल जानी चाहिए. लेकिन यदि ऐसा ना हो तब क्या होगा. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जिसमें भवन मालिकों ने मजदूर को भुगतान नहीं किया है. जिसके बाद अब मजदूर ने न्याय की गुहार लगाई है.

जानाकारी के मुताबिक अमरजीत उर्फ बेचन ने बकाया मजदूरी नहीं मिलने और मांगने पर अभद्रता करने के साथ जान माल के नुकसान के धमकी की शिकायत की थी. अमरजीत ने जिलाधिकारी मिर्जापुर सहित प्रतिलिपि माकू यूनियन कार्यालय से ये शिकायत की थी. राजमिस्त्री ने शिकायत पत्र में बताया है कि उसने कटरा कोतवाली क्षेत्र के बेलखरिया पुरा निवासीगण संतोष पांडेय और प्रभात पांडेय के यहां सहयोगी मजदूरों के साथ मिलकर नए भवन का निर्माण कार्य फरवरी 2021 से लेकर ढाई वर्ष तक किया है. जिसकी मजदूरी करीब 5 लाख 69 हजार 300 हुई थी. इसमें से 3 लाख 64 हजार 430 रुपये उसे मिले हैं. अब मजदूर ने बकाया मजदूरी के लिए फरियाद लगाई है.

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मजदूर के मुताबिक कार्य के दौरान मजदूरी मांगने पर भवन स्वामी ने विवाद कर जान माल के नुकसान की धमकी दी. साथ ही मिस्त्री का सारा सामान अपने पास रख लिया. मजदूर ने 7 जून 2024 को मामले की शिकायत की. जिसके बाद कार्रवाई नहीं होने और धमकी मिलने पर पीड़ित ने जिलाधिकारी और यूनियन की शरण ली. यूनियन के हस्तक्षेप से अब बात श्रम विभाग तक पहुंची है. जहां मजदूरी भुगतान पर समझौता हो सकता है. इस मामले में गुरुवार को श्रम विभाग ने नोटिस भेजकर सभी पक्ष को बातचीत के लिए बुलाया था. पीड़ित मजदूर और यूनियन पक्ष को छोड़कर सभी अनुपस्थित रहे.

नोटिस के बाद भी नहीं आए भवन मालिक

पीड़ित को मजदूरी नहीं देने से नाराज यूनियन महामंत्री मंगल तिवारी ने अपना तर्क देते हुए कहा कि भवन स्वामी जानबूझकर श्रमिकों का बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं करना चाहते हैं, जिसके कारण वो लोग उपस्थित नहीं हो रहे हैं. यदि मजदूरी नहीं मिली तो वे न्यायालय की शरण में जाने के लिए बाध्य होंगे. जिस पर श्रम कार्यालय ने सेवायोजक को एक अंतिम अवसर देते हुए अगली बैठक पर सभी को एक बार फिर से बातचीत के लिए बुलाया है.