रतलाम/सैलाना। चुनाव में अक्सर देखा जाता है कि राजनीतिक दल बड़े दिग्गजों पर ही दांव लगाते हैं। किसी साधारण प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारने से बचा जाता है।लेकिन जब कोई ऐसा उम्मीदवार जीत कर आता है जो अप्रत्याशित हो तो ऐसा लगता है कि वाकई में आज भी लोकतंत्र जिंदा है। ऐसा ही एक अप्रत्याशित व्यक्ति चुनाव जीतकर आए हैं कमलेश्वर डोडीयार। मजदूर परिवार से आने वाले कमलेश्वर ने न सिर्फ चुनाव लड़ा बल्कि बंपर वोटों से विजयी भी हुए। इनकी जीत जितनी आश्चर्यजनक थी, उनके चुनाव लड़ने की कहानी भी उतनी है प्रेरणा देने वाली है। 

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मजदूर मां के बेटे हैं कमलेश्वर

कमलेश्वर डोडियार मजदूर मां के बेटे हैं। वह पिछले कई सालों से आदिवासियों के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं। जब चुनाव के नतीजे आ रहे थे , तब भी उनकी मां मजदूरी के लिए गई हुई थी। एक मजदूर परिवार का बेटा रतलाम की सैलाना सीट से अब विधायक हैं। 

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झोपड़ी में रहते है

मतगणना के दौरान जैसे-जैसे अंतर बढ़ता जा रहा था आसपास के लोग बेटे को जीत की बधाई देते जा रहे थे। पर मां सीताबाई इससे परे मजदूरी में व्यस्त रही। 33 साल के कमलेश्वर डोडियार ने भारत आदिवासी पार्टी से इस सीट पर जीत का परचम फहराकर सभी को चौका दिया। मजदूर परिवार में पले-बढ़े और झोपड़ी से निकले कमलेश्वर डोडियार ने चुनाव में 4618 मतों से जीत हासिल की। उन्होंने जीवन में इतनी जद्दोजहद थी कि बारिश में घर की छत में तिरपाल डालकर पानी से बचकर अपना काम चलाते है। 

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कर्ज लेकर 12 लाख में लड़ा चुनाव

एक तरफ चुनाव में प्रत्याशी लाखों-करोड़ों रुपए लगाकर चुनाव लड़ते हैं तो वहीं इस नवनिर्वाचित विधायक ने कर्ज लेकर चुनाव लड़ा। कहने सुनने और देखने में तो यह असंभव सा है लेकिन कमलेश्वर ने 12 लाख का कर्ज लेकर चुनाव लड़ा। बता दें कि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4618 वोट से मात दी। कमलेश्वर को 71,219 वोट मिले और हर्ष विजय को 66,601 वोट। वहीं भाजपा की संगीता चारेल तीसरे स्थान पर रहीं। इस सीट पर प्रदेश का सबसे अधिक मतदान (90.08%) हुआ था। 

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चुनाव के समय कमलेश्वर डोडियार ने कहा था कि तत्कालीन विधायक हर्ष विजय गहलोत के एक भी वादे पूरे नहीं हुए थे। किसानों को फ्री में लोन देने जैसी बातें कहकर बहलाने का प्रयास किया गया था। सैलाना विधानसभा के 30 हजार किसानों को कमलनाथ ने लोन माफ़ करने का  सर्टिफिकेट दिया था मगर उनके पैसे में खाते आए नहीं थे। जिन लोगों को सर्टिफिकेट दिया था उन्हें बैंक भी लोन नहीं दे रहा था। अब न उनका लोन माफ किया और न बैंक नया कर्ज दे रहा जिस वजह से उन्हें कर्ज लेकर किसानी करनी पड़ रही है। 

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की पॉलिसी है कि लोगों को अनपढ़ बनाकर रखा जाए जिससे लोग अनपढ़ रहे और लालच में आकर अपना वोट उन्हें दे दें। 

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