सुशील सलाम, कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में समान काम समान वेतन की मांग को लेकर मजदूरों ने शहर में रैली निकाल कर कलेक्टोरेट का घेराव करने निकले, लेकिन  पुलिस ने कलेक्टोरेट के पहले ही अस्थायी बेरिकेट्स लगाकर रोक दिया. मजदूरों की मांगों को लेकर कलेक्टोरेट में श्रमिक नेताओं, श्रम विभाग और जिला प्रशासन की शनिवार को बैठक बुलाई गई है.

रैली के इस दौरान मजदूरों को संबोधित करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव कॉमरेड संजय पराते ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार मजदूर विरोधी है, जिसके चलते श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र औऱ राज्य सरकारें मजदूर परस्त न होकर मालिक परस्त बन गई है, इसलिए आज हर वर्ग के मजदूरों को शोषण का शिकार होना पड़ रहा है.

लोकसभा चुनाव में होगी मोदी सरकार की विदाई

संजय पराते ने कहा कि छत्तीसगढ़ के चुनाव में आदिवासी, किसानों के मुद्दों ने भाजपा को परास्त किया है, आने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की विदाई होगी. उन्होंने कहा कि हर बार मजदूर आंदोलन करते हैं और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौपते हैं, लेकिन प्रशासन के साथ कोई बातचीत नहीं होती है. स्थानीय लोगों को काम करने में प्राथमिकता दिया जाना चाहिए. दूसरे प्रदेश से लोग आकर यहाँ के लोगों का रोजगार छीन रहें हैं. हालांकि, श्रमिकों के गुस्से को देखते हुुए जिला प्रशासन त्रिपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हो गया है.