रमेश सिन्हा, पिथौरा. महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक के गौरव ग्राम बुंदेली में प्रशासनिक तालमेल की कमी से दलित परिवार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. तालमेल की कमी से दलित परिवार के वर्षों से काबिज जमीन पर बने मकानों को तोड़ने के लिए फरमान जारी कर दिया है. वहीं गौरव ग्राम पंचायत बुंदेली में नियमों को दरकिनार कर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए गरीब परिवारों का आशियाना तोड़ने का काम किया जा रहा है.
बता दें कि पूरा गांव बेजा कब्जा में निवासरत है. इस मामले में तहसीलदार पिथौरा ने 6 जनवरी 2021 को उन परिवारों को पेशी में उपस्थित होने का आदेश दिया था. वहीं, अनुविभागीय अधिकारी एसडीएम ने 6 जनवरी 2021 को ही तोड़ने के लिए पुलिस बल तैनात करने का आदेश जारी कर दिया. जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आपस में तालमेल अच्छे नहीं हैं.
ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक तरफ तोड़ने का आदेश एसडीएम का है, तो वहीं उसी तारीख में तहसीलदार का आदेश पीड़ित परिवार के लिए पेशी का है. जिसके बाद से दलित परिवार को छत छिनने का डर सताने लगा है.
अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आपस में तालमेंल की कमी के कारण क्या पीड़ितों को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा?
इस मामले में नयाब तहसीलदार इन्द्र राम चंद्रवंशी ने कहा कि मैने स्थगन का आदेश दिया था. उक्त मामला मेरे न्यायालय मे चल रहा है. 6 जनवरी को पीड़ितों की न्यायालय में पेशी है.
एसडीएम रीतू हेमनानी से जब इस मामले में फोन पर बात गई तो उन्होंने इस मामले को लेकर कुछ जवाब नहीं दिया.
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