रायगढ़। होनी को कौन टाल सकता है. किसी के जिंदा होने की उम्मीद छोड़ दी जाय और वो शख्स सही सलामत घरवालों को मिल जाय. इसे चमत्कार ही कहा जाएगा. पिछले सात महीने से पंजाब के पटियाला से लापता महिला रायगढ़ में सही सलामत मिली. महिला को उसके परिजन मृत मान चुके थे. उसके यहां होने की जानकारी पाकर परिजन पंजाब के संगरूर जिले से रायगढ़ पहुंचे. महिला को सही सलामत देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिजनों ने रायगढ़ के लोगों का धन्यवाद दिया और कहा कि उनके परिवार की सदस्य के साथ घर से इतने दूर होने पर भी कोई अनहोनी नहीं हुई और वह सही सलामत उन्हें मिली इसके लिए वे शहर के लोगों के हमेशा आभारी रहेंगे.
पंजाब के पटियाला में ससुराल वालों के अत्याचार से तंग आकर केलो बाई ने सात महीने पहले घर छोड़ दिया. वह लोकलाज के भय से इधर-उधर भटकती रही. समाज के तानों से बचने के लिए केलो ने अपने ऊपर ससुराल में हो रहे अत्याचार के बारे में मायके वालों को भी नहीं बताया. जब अत्याचार हद से ज्यादा बढ़ गया तो एक दिन चुपचाप उसने ससुराल छोड़ दिया व जान बचाकर इधर-उधर घूमती रही. दर-दर की ठोकरें खाते-खाते वह रायगढ़ पहुंच गई. उधर महिला के परिजन पंजाब व हरियाणा में उसे खोज-खोजकर परेशान होते रहे. थक-हारकर उन्होंने उसे मृत मान लिया था. इधर केलो को लावारिस हालत में घूमते देखकर नेतनागर के स्थानीय निवासियों ने सखी सेंटर को जानकारी दी. सखी सेंटर ने महिला की देखभाल करने के साथ उसकी मानसिक हालत स्थिर होने पर उससे पूछताछ की जिसमें उसने पंजाब के पटियाला शहर में घर होने की बात कही. इस बात की सूचना जब पंजाब पुलिस को दी गई तो उसने पंजाब में महिला के परिजनों से संपर्क कर उसके छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में सही सलामत होने की सूचना दी. करीब सात माह बाद महिला के सही सलामत होने की सूचना पाकर उसके परिजनों की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. ये उनके लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं था कि जिसे मृत मानकर उन्होंने उम्मीद का दामन छोड़ दिया था वो अचानक एक दिन सही सलामत उन्हें मिलेगी. इस बारे में सखी सेंटर की संचालिका अर्चना लाल का कहना है कि हमने अपने स्तर से महिला को उसके परिजनों से मिलाने के हरसंभव प्रयास किए और अब महिला को उसके घरवालों के सुपुर्द करके हमने भी राहत की सांस ली है. उधर केलो को उसका परिवार वापस पंजाब ले जा रहा है और उन्हें उम्मीद है कि केलो को अब इंसाफ मिल सकेगा.