Lahaul and Spiti Tour Plan: हिमाचल का नाम सुनते ही सबको बर्फबारी की याद आती है. इन दिनों का ठंड का मौसम है और हिमाचल में बर्फबारी भी हो रही है. शिमला के सिस्सू में बर्फ देखने के लिए रोज सैकड़ों पर्यटक पहुंच रहे है. अब कोकसर भी सैलानी पहुंच रहे हैं. यहां पर्यटकों को अटल टनल रोहतांग होकर जाना होता है. रोजाना कई पर्यटक लाहौल भी पहुंचे रहे हैं.

लाहौल के सिस्सू के साथ चंद्रा नदी के दूसरी तरफ वाटरफॉल और हेलीपैड के समीप जमी झील का नजारा पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. चारों तरफ बर्फ की चादर होने से यहां ठंड बढ़ गई है और धूप खिलने से यह खूबसूरती और भी निखर जाती है. सिस्सू आने वाले पर्यटक इन दिनों ताजा बर्फ की चमक देख घाटी के कायल हो रहे हैं.

कैसे बना सकते है अपना पूरा प्लान

अगर आप लाहौल (Lahaul) और स्पीति (Spiti) को एक जैसा समझते हैं तो बता दें लाहौल (Lahaul) और स्पीति (Spiti) भारत और तिब्बत पर बसी दो अलग घाटियाँ हैं. स्पीति का ज़्यादातर हिस्सा ठंडे और बंजर मैदानों से बना हुआ है और लाहौल में हरियाली देखने को मिलती है. स्पीति घाटी के मुकाबले लाहौल काफ़ी विकसित इलाका है. लाहौल और स्पीति दोनों ही ट्रेकिंग करने के लिए बढ़िया जगहें हैं. लेकिन अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य से रूबरू होना चाहते हैं तो आपको लाहौल जाना चाहिए. लाहौल में दर्शनीय स्थलों का भंडार है.

  जिस तरफ़ भी देख लें हर तरफ़ खूबसूरती ही नज़र आएगी. ग्लेशियर से घिरी झीलें, छोटे बड़े पहाड़ों की चोटियाँ, ठंडी हवा ये सब लाहौल को घुमक्कड़ों के लिए परफ़ेक्ट जगह बनाते हैं.

कैसे जाएँ Lahaul ?

लेह लद्दाख की तरह स्पीति और लाहौल के लिए सीधी बसें या फ़्लाइट नहीं हैं इसलिए आपको बस या टैक्सी लेकर ही जाना होता है. दिल्ली से लाहौल जाने के लिए दो रास्ते हैं. पहला आप मनाली (Manali) के रास्ते लाहौल (Lahaul) जा सकते हैं. दूसरा शिमला से होते हुए भी लाहौल पहुँचा जा सकता है.

अगर बस से जाना हो तो ?

अगर आप बस से लाहौल जाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको मनाली या शिमला जाना होगा. अगर आप मनाली वाला रास्ता लेते हैं तो आपको रोहतांग पास से होते हुए चंद्रताल झील को पर करते हुए कुंजुम पास जाना होता है जहाँ से फिर लाहौल आया जा सकता है. दूसरी तरफ़ शिमला वाले रास्ते में सांगला, नको, तबो और काज़ा को पार करना होता है. दोनों ही रास्ते बेहद खूबसूरत हैं और दोनों के लिए आपको जगह-जगह पर बसें बदलनी पड़ती हैं.

फ़्लाइट से जाना हो तो ?

भुंतर एयरपोर्ट सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है. बड़े शहर जैसे दिल्ली, चंडीगढ़ से यहाँ के लिए फ़्लाइट आसानी से मिल जाएगी. हालांकि ज़्यादातर फ़्लाइट एयर इंडिया की ही मिलेंगी. ये एयरपोर्ट मनाली से 40 किमी. दूर है और इस सफ़र को तय करने में कुल 6 घंटों का समय लग जाता है.

ट्रेन से जाना हो तो ?

ऊँचाई पर होने की वजह से लाहौल तो क्या उसके आस पास भी कोई स्टेशन नहीं है. सबसे नज़दीकी स्टेशन चंडीगढ़ है जहाँ से आप शिमला के रास्ते लाहौल पहुँच सकते हैं. इसके अलावा अगर आप चाहें तो सीधे ट्रेन लेकर शिमला या जोगिंदर नगर स्टेशन भी पहुँच सकते हैं.

Lahaul जाएं तो क्या देखें?

1. अटल टनल (Atal Tunnel)

अगर आप मनाली के रास्ते लाहौल जा रहे हैं तो आप अटल टनल से भी लाहौल पहुँच सकते हैं. लाहौल घाटी में कड़ाके की ठंड पड़ती है और ऐसे में यहाँ कई फुट बर्फ़ जम जाती है. लेकिन इस सुरंग के बनने के बाद अब ऐसा नहीं होगा. टनल बेहद खूबसूरत है और इससे निकलते ही आपको लाहौल घाटी का मोहक नज़ारा दिखाई देता है.

2. सिस्सू

सिस्सू एक छोटा सा गाँव है जो चन्द्र नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है. 3130 मीटर की ऊँचाई पर बसा ये गाँव छोटा ज़रूर है लेकिन ये इतना सुन्दर है कि इसकी जितनी तारीफ़ की जाए कम होगी. इस गाँव तक जाने वाली सड़क के दोनों तरफ़ विलो और पॉपलर के पेड़ हैं. गर्मियों के मौसम में ये पेड़ इतने घने हो जाते हैं कि कुछ जगहों पर सूरज की रोशनी भी नहीं पहुँच पाती है.

 सिस्सू में आपको काफ़ी सारे खेत देखने के लिए मिलेंगे जिनमें आलू, मटर और बाजरा उगाए जाते हैं. इसके अलावा यहाँ पर फूलों के बागीचे भी हैं. ये गाँव एक रिज पर बसा हुआ है जिसके पीछे घीपंग पहाड़ का बेहतरीन नज़ारा दिखाई देता है. घीपंग लाहौल के लोकल देवता का नाम है जिसपर इस पर्वत का नाम पड़ा है. चन्द्र नदी के उस पार दो पहाड़ों के बीच सिस्सू वॉटरफॉल का शानदार नज़ारा दिखाई देता है. इतनी ऊँचाई से गिरता ये झरना बेहद सुन्दर लगता है और फ़ोटोग्राफी के शौकीन लोगों को ये जगह बहुत पसंद आएगी.

3. तांदी (Tandi)

कीलोंग से केवल 7 किमी. दूर पट्टन घाटी का ये गाँव चन्द्र और भागा (The Chandra Bhaga River) नदियों के संगम पर स्थित है. लोगों का कहना है इस गाँव की स्थापना राजा राणा चंद राम ने चंडी के नाम से की थी जिसको बाद में तांदी कर दिया गया. इस जगह से जुड़ी कई पौराणिक कहानियाँ भी हैं. एक कहानी के अनुसार चन्द्र और भागा चाँद और सूर्य देवताओं के बेटे और बेटी थे. वो दोनो एक दूसरे के प्यार में थे. अपनी सेलेस्टियल शादी करने के लिए उन्होंने बरालाचा ला पास पर चढ़ाई करने का फैसला किया और वहाँ से उल्टी दिशाओं में लाहौल का चक्कर लगाना शुरू किया. कहा जाता है दोनों तांदी गाँव में मिले जहाँ उन्होंने शादी की. ख़ास बात ये है कि मनाली लेह हाईवे पर इस जगह के अलावा आपको कहीं और पेट्रोल नहीं मिलेगा. इसलिए अगर आप यहाँ से आगे जा रहे हों तो अपने साथ एक्स्ट्रा पेट्रोल ज़रूर रखना चाहिए.

4. कीलोंग (Best Places to Visit In Keylong)

कीलोंग लाहौल और स्पीति घाटी का ज़िला मुख्यालय है. 3156 मीटर की ऊँचाई पर बसी ये जगह रोहतांग और बारालाचा के बीच बने ट्रेड रूट पर स्थित है. एक तरह से कीलोंग भागा नदी के ऊपर ही है. सरकारी दफ्तरों से लेकर ज़रूरी दुकानों तक सभी चीज़ें यहीं कीलोंग में ही हैं. कीलोंग का बाज़ार वो जगह है जहाँ आपकी ज़रूरत की सभी चीज़ें आसानी से मिल जाएंगी. लाहौल की सभी कमर्शियल एक्टिविटी भी ज़्यादातर कीलोंग में ही होती हैं और इसी वजह से इस जगह पर सबसे ज़्यादा लोग रहते हैं. अगर आप लाहौल आना हो तो इस जगह पर आपको देखने के लिए सबसे ज़्यादा जगहें मिलेंगी. यहाँ आप बरालाचा ला पास पर ट्रेकिंग कर सकते हैं, दीपक ताल के हसीन नज़ारे देख सकते हैं और बौद्ध धर्म से जुड़ी मोनस्ट्री भी देख सकते हैं.

5. जिस्पा (Jispa places to visit)

कीलोंग से 20 किमी. दूर बसे जिस्पा को झीलों और वॉटरफॉल वाली जगह भी कहा जा सकता है. ये गाँव भागा नदी की दो छोटी नदियों के संगम पर स्थित है जहाँ पर आप कैंपिंग करने का मज़ा उठा सकते हैं. जिस्पा की ख़ास बात है यहाँ एक बहुत बड़ी सुखी नदी है जो लाहौल जैसे हरे भरे इलाके में मिलना असामान्य है. इसके अलावा जिस्पा के कुछ हिस्सों में भागा नदी की गहराई थोड़ी कम है. इन सभी जगहों पर गर्मियों में बहुत सारी ट्राउट मछली होती हैं और आप फिशिंग भी कर सकते हैं. यहाँ का माहौल शांत है और जगह सचमुच में स्वर्ग जैसी लगती है.