मार्गशीर्ष में गुरुवार व्रत करने से सुख-संपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इस बार 14 दिसंबर को तीसरे गुरुवार की पूजा की जाएगी. आखिरी गुरुवार व्रत 28 दिसंबर को किया जाएगा. अगहन यानी मार्गशीर्ष मास में लक्ष्मी पूजन के लिए खास माना गया है. मान्यता है कि तुलसी और लक्ष्मी की पूजा पूरे अगहन माह या फिर इस माह के गुरुवार को एक साथ करने और अन्न दान करने से लक्ष्मी खुश होती हैं और उनके आगमन के बाद उनका स्थायित्व बना रहता है. अगहन के हर गुरुवार को लक्ष्मी की पूजा होती है. Read More – अगहन के गुरुवार : 15 खूबसूरत अल्पना रंगोली डिजाइन से करें मां लक्ष्मी का स्वागत …
इसके संदर्भ में सनातन धर्म में भी उल्लेख किया गया है. ग्रंथों में इसका वर्णन मिलता है कि अगहन गुरुवार को अगर सुहागिनें बुधवार की रात घर की साफ-सफाई करने के बाद निष्ठा से लक्ष्मी की उपासना करें, तो वे प्रसन्न होकर उपासक के घर स्थायी तौर पर आती हैं. इस परंपरा का निर्वाह आज के दौर में भी बड़े हर्ष और उल्लास के साथ किया जाता है. इस माह जो सुहागन लक्ष्मी की श्रद्धा से उपासना करती हैं, उनके घर में धन के साथ खुशहाली आती है. साथ ही लक्ष्मी और तुलसी साथ में पूजी जाती है. Read More – ऑलिव कलर के स्विमसूट में Monalisa ने शेयर किया Photo, 41 की उम्र में दिखाई दिलकश अदाएं …
गुरुवार को पूजा-अर्चना के बाद शाम होते ही प्रसाद खाने-खिलाने का दौर शुरू होता है. इस अवसर पर आस-पड़ोस की महिलाओं, बहू-बेटियों को प्रसाद खाने के लिए विशेष रूप से निमंत्रण दिया जाता है. इस प्रकार अगहन/मार्गशीर्ष माह में हर घर में मां लक्ष्मी की स्थापना कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके मां आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.
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