हृदयेंद्र प्रताप सिंह, दिल्ली. राज्यसभा की 25 सीटों के लिए आज चुनाव हो रहे हैं. पार्टियों के रणनीतिकार अपनी अपनी पार्टियों के लिए रणनीति बनाने में लगे हैं. आइए आपको बताते हैं कि किस राज्य में कौैन है उम्मीदवार और क्या है जीत हार का गणित. किसको जीत के लिए कितने वोट चाहिए और कैसे बाजी जीती जा सकती है. लल्लूराम डॉट कॉम अपने पाठकों के लिए पूरे चुनाव का लेखा-जोखा लेकर आया है. कौन कहां जीतेगा, किसकी जीत के कितने चांस हैं, कौन कहां हारेगा और क्यों, हम आपको इस रिपोर्ट में सब बताएंगे. तो पढ़िए हमारी खास रिपोर्ट औऱ जानिए राज्यसभा की सीटों का गणित.
बात शुरु करते हैं देश के सबसे बड़े राज्य और राजनीति के गढ़ उत्तर प्रदेश से.
उत्तर प्रदेश का गणित- 10 सीटों पर हो रहे हैं चुनाव
बीजेपी के उम्मीदवार हैं 8-अरुण जेटली, अशोक बाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, अनिल जैन, हरनाथ सिंह यादव और जीवीएल नरसिम्हा राव.
सपा की उम्मीदवार हैं 1-जया बच्चन
बीएसपी के उम्मीदवार हैं 1– भीमराव अंबेडकर
स्वतंत्र उम्मीदवार हैं 1– अनिल अग्रवाल जिनको बीजेपी का समर्थन है
बीजेपी के पास हैं सीटें 324, समाजवादी पार्टी के पास हैं सीटें 47, बसपा के पास हैं सीटें 19, कांग्रेस के पास हैं सीटें 7, जबकि एक उम्मीदवार को जीत के लिए चाहिए 37 वोट
पश्चिम बंगाल का गणित- 5 सीटों पर हो रहा है चुनाव
टीएमसी के उम्मीदवार हैं 4-नदीमुल हक, सुभाशीष चक्रवर्ती, अबीर विश्वास और शांतनु सेन
कांग्रेस के उम्मीदवार हैं 1– अभिषेक मनु सिंघवी
सीपीआईएम के उम्मीदवार हैं 1– रबिन देव
यहां 1 सीट को जीतने के लिए जरूरी वोट चाहिए 50, ऐसे में तृणमूल 213 विधायकों के साथ अपने सभी चारों उम्मीदवारों को राज्यसभा पहुंचा देगी, जबकि कांग्रेस अपने 42 विधायकों और तृणमूल विधायकों के सहयोग से अपने 1 उम्मीदवार वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा पहुंचा देगी, वहीं सीपीएम अपने 26 विधायकों के साथ अपनी हार का इंतजार करेगी. कोई चमत्कार ही उसके उम्मीदवार को राज्यसभा पहुंचा पाएगा.
तेलंगाना का गणित- 3 सीटों पर हो रहा है चुनाव
टीआरएस के 3 उम्मीदवार हैं- जे संतोष कुमार, बी लिंगैया यादव और बी प्रकाश मुदिराज
कांग्रेस के 1 उम्मीदवार हैं बलराम नाईक
यहां जीत के लिए जरूरी वोट चाहिए 30 जबकि टीआरएस के पास 91 विधायकों के वोट हैं ऐसे में उसके 3 राज्यसभा सदस्य जीतना तय है, वहीं कांग्रेस के पास 12 वोट हैं ऐसे में उसको कोई चमत्कार ही जिता सकता है.
झारखंड का गणित- 2 सीटों पर हो रहा है चुनाव
बीजेपी के 2 उम्मीदवार हैं- समीर उर्नव, प्रदीप कुमार संथालिया
कांग्रेस के 1 उम्मीदवार हैं- धीरज साहू
यहां एक राज्यसभा सदस्य को जीत के लिए चाहिए 28 विधायकों के वोट, भाजपा और सहयोगियों को मिलाकर 48 वोट हो जाते हैं वहीं विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा के 19, कांग्रेस के 7 और अन्य 8 विधायक हैं ऐसे में भाजपा का 1 उम्मीदवार तो आसानी से निकल जाएगा साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार भी अगर विपक्ष को साध लेते हैं तो निकल जाएंगे. बात फंसेगी तो भाजपा के दूसरे कैंडीडेट के लिए. देखना है भाजपा अपने दूसरे उम्मीदवार कौ कैसे जिताती है.
कर्नाटक का गणित- 4 सीटों पर हो रहा है चुनाव
कांग्रेस के 3 उम्मीदवार हैं- एल हनुमंतैया, नासिर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर
बीजेपी के 1 उम्मीदवार हैं- राजीव चंद्रशेखर
जेडी (एस) के 1 उम्मीदवार हैं- एम फारूक
राज्य में कुल विधायक हैं 224, ऐसे में एक राज्यसभा सदस्य को जीत के लिए 44 विधायकों के वोट चाहिए. कांग्रेस के पास कुल 132 वोट हैं. जिनके बूते उसके तीनों उम्मीदवार सीट जीत जाएंगे. जबकि भाजपा के पास 46 विधायक हैं तो वो भी अपनी सीट निकाल लेगी, मामला फंसेगा पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर के उम्मीदवार के लिए. क्योंकि इनके पास हैं 30 वोट औऱ ये 14 वोट कहां से लाएंगे. ये तो पार्टी के चुनाव मैनेजरों को ही बेहतर पता होगा.
छत्तीसगढ़ का गणित-1 सीट पर हो रहा है चुनाव
बीजेपी की उम्मीदवार हैं 1– सरोज पांडे
कांग्रेस के उम्मीदवार हैं 1– लेखराम साहू
राज्य में कुल विधायक हैं 90 और एक राज्यसभा सांसद को जीत के लिए 46 विधायकों के वोट चाहिए. भाजपा के पास जहां 49 विधायकों का आंकड़ा है, जो साफ करता है कि भाजपा की सरोज पांडेय बड़े आराम से उच्च सदन पहुंच जाएंगी. साथ ही निर्दलीय विधायक विमल चोपड़ा ने भी बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है, ऐसे में आंकड़ा 50 पर पहुंच रहा है.
इधर कांग्रेस अपने 38 विधायकों औऱ बीएसपी व निर्दलीय 1-1 विधायक के समर्थन के बाद भी पार्टी सिर्फ 40 का आंकड़ा ही छू पा रही है. ऐसे में उसके लिए चुनाव जीतना लगभग नामुमकिन है. कोई चमत्कार ही उसे ये सीट दिला सकता है.
ये था देश के पांच राज्यों का गणित जहां राज्यसभा सीटों के लिए बकायदा वोटिंग होगी. मुमकिन है विधायकों की खरीद-फरोख्त भी हो लेकिन ये आंकड़े थे और ये था गणित. किस राज्य में किस नफे-नुकसान के साथ कौन सी पार्टी कितनी सीट हासिल करती है. आप भी अगर राज्यसभा चुनावों के गणित को अभी तक नहीं समझ पाए हैं तो इस स्टोरी के जरिए आपको पता चल गया होगा कि देश के 6 राज्यों में क्या सूरत होने वाली है.
कहते हैं कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. यहां कभी भी, कुछ भी हो सकता है, तो आखिरी मूमेंट तक इंतजार कीजिए, शाम पांच बजे के बाद तस्वीर एकदम साफ हो जाएगी.