रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली कैबिनेट का विस्तार हो चुका है. आज सरकार के 9 मंत्रियों ने आज शपथ ले ली है. जिसमें ओमप्रकाश चौधरी (ओपी चौधरी) का नाम भी शामिल है. ओपी चौधरी पहले कलेक्टर रह चुके हैं. जिसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा. हालांकि, पहले विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वे खरसिया सीट से भाजपा के उम्मीदवार थे. इस विधानसभा चुनाव में उन्हें रायगढ़ विधानसभा से मैदान में उतारा गया था. जिसमें वे रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कर विधायक बने. अब वे छत्तीसगढ़ के मंत्री के रूप में काम करेंगे. इसी कड़ी में आज News 24 MPCG/Lalluram.com के रेसिडेंट एडिटर आशीष तिवारी ने ओपी चौधरी की पत्नी अदिति पटेल से खास बातचीत की.

आईएएस से नेता और अब मंत्री बनने के सफर को लेकर अदिति ने कहा कि मुझे लगता है कि पत्नियों का जितना रोल होता है उससे ज्यादा मां का रोल होता है. इंसान पहले ही तराश लिया गया होता है. अभी जो आपको दिख रहे हैं वो रोल चेंजेस हैं. इंसान में बदलाव नहीं है. इसमें मैं मेरा कोई बहुत ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं पाती हूं. मेरा सहयोग बस इतना है कि मैं केवल उनके निर्णय में सपोर्ट करती हूं. उन्होंने कहा कि उनके (ओपी चौधरी) रोल से उनमें ज्यादा चेंजेस नहीं आता. जब वो ब्यूरोक्रेट थे तब भी उतना ही काम करते थे. अभी भी वो लगे रहते हैं. तो इतना ज्यादा कोई मेजर शिफ्ट नहीं है.

उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेट, हारे हुए बीजेपी के प्रत्याशी और मंत्री ओपी चौधरी में बहुत ज्यादा अंतर है नहीं. ये ही उनकी खूबी है. ये तीनों एक ही हैं. वो जहां भी रहते हैं, जिस रोल में रहते हैं हमेशा अपना बेस्ट देना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि ओपी यंग हैं, ऊर्जा है, जो भी रोल उनको दिया जाए वो अपना 100 प्रतिशत देने के साथ ही 10 प्रतिशत और ज्यादा दें. क्योंकि इतनी जल्दी उनको जिम्मेदारी मिली है. छत्तीसगढ़ की निवासी होने के नाते उनसे मेरी यही अपेक्षाएं हैं.

महतारी वंदन योजना को लेकर अदिति ने कहा कि देश समेत छत्तीसगढ़ में भी महिला सशक्तिकरण एक मुख्य मुद्दा है. चीजें कितनी भी बदल जाएं लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है. इसमें महतारी वंदन योजना को मैं उस दिशा में एक अच्छा कदम देखती हूं. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा का फोकस हमेशा गवर्नेंस पर रहता है. इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रिएशन पर रहता है. जो किसी भी राज्य के लंबे समय के विकास के लिए जरुरी होता है. तो ऐसे कल्चर को मैं सपोर्ट करती हूं और उम्मीद करती हूं कि छत्तीसगढ़ जो कि विकासशील राज्य है, इसमें बहुत संभावनाएं हैं वो और आगे बढ़े.

युवा और महिलाओं को लेकर उन्होंने कहा कि जो भी बदलाव होता है उसके मेन ड्राइवर यूथ ही होते हैं. हालांकि महिलाओं को अभी वैसा रोल नहीं मिला है, इसलिए बहुत कुछ करना बाकी है समाज में. वैसे एक समाज के तौर पर हमें भी अपने स्तर पर महिला सशक्तिकरण को अपने कोर में रखना चाहिए.