रायपुर। पुलिस महकमे में हड़कंप मचाने वाली ख़बर सामने आई है। 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। सूत्र बताते हैं कि एक महिला सब इंस्पेक्टर ने इस मामले की शिकायत उच्च पदस्थ अधिकारियों से की है। आरोप है कि रतनलाल डांगी बीते सात सालों से पीड़िता का उत्पीड़न कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिक स्तर पर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, हालांकि अब तक आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। चर्चा है कि आईपीएस के खिलाफ शिकायत आने के बाद कई डीएसपी, टीआई और एएसआई स्तर के अधिकारी पीड़िता पर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। सूत्रों की माने तो पीड़ित महिला के पास आईपीएस रतनलाल डांगी के ख़िलाफ़ कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं।

सूत्र बताते हैं कि पीड़िता ने 15 अक्टूबर को आईपीएस रतनलाल डांगी के खिलाफ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत की है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह कहा है कि साल 2017 में वह रतनलाल डांगी के संपर्क में आई थी। तब डांगी कोरबा एसपी के पद पर तैनात थे। शुरू-शुरू में सोशल मीडिया पर बातचीत शुरू हुई थी। रतनलाल डांगी की दंतेवाड़ा पदस्थापना के दौरान पीड़िता वीडियो काल के ज़रिए उन्हें योगा सिखाया करती थी। दंतेवाड़ा के बाद रतनलाल डांगी का तबादला राजनांदगांव हो गया। तब भी वह संपर्क में बनी रही। शिकायत में पीड़िता ने यह आरोप लगाया है कि सरगुजा आईजी बनने के बाद रतनलाल डांगी ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। बिलासपुर आईजी बनने के बाद यह सिलसिला लगातार बढ़ता चला गया। उच्च पदस्थ अफसरों से की गई शिकायत में पीड़िता ने यह आरोप लगाया है कि रतनलाल डांगी अपनी पत्नी की ग़ैर मौजूदगी में उसे बंगले पर बुलाते थे।
आरोप है कि आईपीएस रतनलाल डांगी ने चंदखुरी प्रशिक्षण अकादमी में अपने तबादले के बाद भी वीडियो काल के ज़रिए उत्पीड़न जारी रखा। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि सुबह पांच बजे से लेकर रात दस बजे तक डांगी कई बार वीडियो काल पर बात करने का दबाव बनाते थे। पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह कहा है कि नौकरी पर आंच न आए इसलिए वह अब तक चुप रही है। आरोप है कि रतनलाल डांगी उसे नक्सल प्रभावित इलाकों में तबादला कर देने की धमकी दिया करते थे।
जांच की प्रक्रिया प्रारंभ?
हालांकि पुलिस मुख्यालय या राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन यह बताया जा रहा है कि मामले की प्राथमिक जांच प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। यदि आरोपों में सच्चाई पाई जाती है, तो यह आईपीएस अधिकारी के करियर और विभाग की प्रतिष्ठा दोनों के लिए बड़ा झटका होगा। रतनलाल डांगी बतौर एसपी बीजापुर, कांकेर, कोरबा और बिलासपुर जैसे ज़िलों में तैनात रहे हैं। साथ ही सरगुजा, दुर्ग और बिलासपुर रेंज के आईजी भी रह चुके हैं। वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ के चंदखुरी स्थित पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में निदेशक पद पर कार्यरत हैं।
यह पहला मौक़ा नहीं है जब राज्य के किसी आईपीएस पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है। इससे पहले भी कुछ साल पहले एक सीनियर आईपीएस पर एक महिला ने ऐसा आरोप लगाया था। तब महिला आईपीएस के ख़िलाफ़ धरने पर बैठ गई थी। बाद में उस महिला ने आत्महत्या कर ली लेकिन आईपीएस के ख़िलाफ़ कभी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई।
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