प्रदीप गुप्ता, कवर्धा- लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. दो दिन पहले ही लल्लूराम डाॅट काॅम ने ये खुलासा किया था कि कवर्धा जिले के पेंड्री पंचायत केआश्रित ग्राम बाघामुड़ा में शौचालय को सील कर दिया गया है. खबर प्रकाशित किए जाने के बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने आनन-फानन में शौचालय में लगे सील को हटा दिया है.

प्रशासन ने जेठूराम श्रीवास के लिए जल्द से जल्द उसके घर के प्रांगण में शौचालय बनाने के लिए बाघामुडा पंचायत को निर्देश दिया है.  जब तक नए शौचालय का निर्माण नही  किया जाता है, तब तक जेठूराम उस शौचालय का उपयोग करते रहेंगे.  हितग्राही जेठूराम श्रीवास ने खबर दिखाने के बाद राहत महसूस की है. उन्होंने लल्लूराम डॉट कॉम को बधाई दिया है. शौचालय सील होने के बाद दंपत्ति को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता था. बारिश होने के दौरान शौच जाना बड़ा मुश्किल होता था.

 

क्या था मामला ? पढ़े यहां-

सीएम के गृह जिले में शौचालय सील

मुख्यमंत्री के गृह जिला कवर्धा के पेड्री पंचायत के आश्रित ग्राम बाघामुडा में शौचालय को सील करने का अनोखा मामला सामने आया है। दरअलस पेड्री पंचायत के आश्रित गांव बाघामुडा में जेठू श्रीवास विगत 25 साल से भी ज्यादा समय से अपने रिस्तेदार के साथ रहते है। उसकी कोई सन्तान नहीं है। जेठू की माने तो 25 साल पहले ही जिस स्थान पर निवासरत है, ठीक सामने की जमीन को गांव के ही किसी व्यक्ति से 11 हजार में लिया था, लेकिन रजिस्ट्री नहीं कराई थी। इस बीच शौचालय अनिवार्य होने की दशा में कुछ माह पहले ही घर के सामने खाली जमीन  पर उसने  शौचालय बनवा लिए। इस बीच ग्रामीणों ने इस बात का विरोध किया कि जिस स्थान पर शौचालय निर्माण किया गया है वह शासकीय है, जिसे गौठान के रूप में ग्रामीण उपयोग करते आ रहे हैं।

शिकायत के सप्ताह भर बाद जिला प्रशासन की टीम गांव पहुँची और शौचालय को सील कर दिया। जिसके बाद से जेठूराम की दिक्कतें शुरू हो गई। बुजूर्ग होने के कारण जेठूराम भागदौड नहीं कर पाये ना ही इस बात की शिकायत किसी प्रशासनिक अधिकारी से की। अब जेठू दंपति खुले में ही शौच जाने को मजबूर हैं।

लेकिन ये मामले उजागर होने के बाद जिले के आलाधिकारियों में हड़कंप मच गया है। क्योंकि कवर्धा मुख्यमंत्री का गृह जिला है और यह जिला पूर्ण ओडीएफ घोषित हो चुका है। लेकिन खुले में शौचमुक्त  जिले का ये भी एक सच है जहां एक बुजुर्ग दंपति को प्रशासन ने ही खुले में शौच को जाने मजबूर कर दिया है।

खुलासे के बाद जिला पंचायत से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी हैरानी जताते हुए कहते ये कि इस मामले को तत्काल सुलझाया जाना चाहिए। तहसीलदार ने शौचालय को सील करने की बात स्वीकार की लेकिन इस लापरवाही पर कार्रवाई किसके खिलाफ होगी ये नहीं बताए। हालांकि सील तोड़कर तत्काल बुजुर्ग दंपति को शौचालय देने का निर्देश दे गया है।