रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग-2018 के नतीजे मंगलवार की रात घोषित किए गए. पीएससी की ओर से जारी मेरिट लिस्ट में टॉप टेन में 6 छात्राएं शामिल हैं. परिणाम जारी होने के बाद lalluram.com से बातचीत में टॉप टेन में जगह बनाने वाले विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी हैं कि वे टॉप टेन में शामिल हैं. उनके लिए यह एक सपने का सच होने जैसा है. वे अभी यूपीएससी की तैयारी भी कर रहे हैं. उम्मीद है कि इसमें भी वे सफल होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि बतौर प्रशानिक अधिकारी होने के तौर उनकी पहली प्राथमिकता जनता तक सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन रहेगा.
http://BIG BREAKING : CG PSC-2018 के नतीजे घोषित, अनिता सोनी बनीं टॉपर, देखिए सूची
सृष्टि देवांगन- पाँचवाँ स्थान
सृष्टि देवांगन भिलाई की रहने वाली हैं. दुर्ग से उन्होंने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई की फिर उन्होंने निजी इंजीनियरिंग कॉलेज से बीई की शिक्षा ली. इसके बाद वे प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गई. सीजीपीएससी की परीक्षा की तैयारी वह इंजीनियरिंग के दिनों से ही कर रही थी. वे अब यूपीएसपी की परीक्षा भी देंगी. प्रशासनिक सेवा में जो भी दायित्व उन्हें दी जाएगी वह बेहतर से बेहतर उस क्षेत्र में करेगी. शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कराना ही उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी.
मृणमयी शुक्ला- छठवाँ स्थान
मृणमयी शुक्ला बिलासपुर की रहने वाली हैं. उनकी पढ़ाई बिलासपुर से ही हुई है. मृणमयी ने भी इंजीयरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने सरकारी इंजीयिरिंग कॉलेज से बीई इलेक्ट्रिकल की शिक्षा प्राप्त की है. मृणमयी कहती हैं कि तीसरी बार उन्होंने पीएससी की परीक्षा दी थी. पहली बार में साक्षात्कार तक पहुँची थी, दूसरी बार में वे कोषालय अधिकारी के तौर चयनित हुईं. अभी वे बिलासपुर कोषालय में पदस्त हैं. तीसरी बार में वे टॉप टेन में जगह बनाने में सफल रही हैं. वे आगे यूपीएसपी की परीक्षा भी देंगी. वे चाहते हैं कि जनता की सेवक के तौर पर जानी जाएं. शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना ही मकसद है.
राज तिवारी- सातवाँ स्थान
राज तिवारी राजनाँदगाँव के रहने वाले हैं. राज की पढ़ाई राजनाँदगाँव में ही हुई है. राज ने बैंगलुरु से अस्पताल प्रबंधन में स्नातक की पढ़ाई की है. राज कहते हैं कि वे अब तक 7 बार सीजीपीएससी की परीक्षा दे चुके हैं. उनका मकसद डिप्टी कलेक्टर रैंक तक पहुँचने का था. 2018 की पीएससी की परीक्षा में वे इस रैंक को हासिल करने में सफल रहे हैं. इससे पहले की परीक्षाओं में उनका चयन महिला एवं बाल विकास विभाग में परियोजन अधिकारी के तौर पर हो चुका है, वही इसके बाद डीएसपी के लिए भी चयनित हो चुके हैं. लेकिन उन्होंने इन पदों से इस्तीफा देकर वे अध्ययन में ही जुटे रहे हैं. आखिरकार उन्हें टॉप टेन तक पहुँचने सफलता मिल ही गई है.