मनेन्द्र पटेल, दुर्ग. वैज्ञानिकों ने चन्द्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया है. इस टीम में भिलाई में पले बढ़े वैज्ञानिक बालाजी भी सदस्य थे. वे तकनीकी टीम में शामिल हैं. वैज्ञानिक बालाजी सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर-10 में 1984 बैच के स्टूडेंट रहे हैं. NIT रायपुर से तकनीकी शिक्षा प्राप्त की है. इस्पात नगरी भिलाई के बालाजी नटराजन वर्तमान में इसरो के इंडियन स्पेस प्रोग्राम की सहयोगी संस्था हिंदुस्तान एयरोटिक्स लिमिटेड के एजीएम पद पर पदस्थ हैं

बता दें कि, इसरो के वैज्ञानिकों की टीम ने सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा तिरुपति से आज 2.35 में चन्द्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया. जिसके बाद वैज्ञानिक बालाजी के 1984 बैच के सहपाठी साथियों ने इस बात पर खुशी और गर्व महसूस करते हुए बधाई दी है.

जानकारी के अनुसार, 23-24 अगस्त के बीच किसी भी समय चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मैंजिनस-यू (Manzinus-U) क्रेटर के पास उतरेगा. चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट 179 किलोमीटर ऊपर तक ले गया. उसके बाद उसने चंद्रयान-3 को आगे की यात्रा के लिए अंतरिक्ष में धकेल दिया. इस काम में रॉकेट को मात्र 16:15 मिनट लगे.

इस बार चंद्रयान-3 को LVM3 रॉकेट ने जिस ऑर्बिट में छोड़ा है वह 170X36,500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) है. पिछली बार चंद्रयान-2 के समय 45,575 किलोमीटर की कक्षा में भेजा गया था. इस बार यह कक्षा इसलिए चुनी गई है ताकि चंद्रयान-3 को ज्यादा स्थिरता प्रदान की जा सके.

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