विक्रम मिश्र,लखनऊ। महाकुंभ के बहाने ही सही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रयागराज का दौरा कर रहे हैं। दिसंबर में ये पांचवी बार होगा जब योगी प्रयागराज जाएंगे। दअरसल प्रयागराज महाकुंभ विश्व भर का सबसे बड़ा जन समागम है। इसलिए इसकी तैयारियां और समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयागराज जा रहे है। तारीख पर गौर करिये तो 7 दिसम्बर, 12 दिसम्बर 13 दिसम्बर 23 दिसम्बर और आज साल का अंतिम दिन यानी 31 दिसम्बर को सीएम योगी प्रयागराज आ रहे है।
मोदी के 56 इंच के आगे योगी का 86 का योग
आपने सुना ही होगा 56 इंच का सीना ये बात मोदी लगातार अपने भाषणों में प्रयोग करते है। लेकिन योगी की तारीखों पर गौर करें तो 7,12,13,23 और 31 का योग 86 होता है। ऐसे में मोदी अपने उम्र के लिहाज से ये उनका पीएम का अंतिम कार्यकाल हो सकता है जिसके उत्तराधिकारी के तौर पर योगी का हिंदुत्व चेहरा भाजपा आरएसएस सामने कर सकती है।अंबेडकर पर दिए बयान पर अमित शाह बुरे फंसे हुए है और उनको लेकर पार्टी और आरएसएस दोनों में मतान्तर की खबरे सामने आ रही है। ऐसे में इसका सियासी फायदा योगी को मिल सकता है। प्रयागराज की बात करें तो इसकी सीमा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ बिहार और झारखंड के आंतरिक हिस्सों से लगती है। ऐसे में प्रयागराज नया ठौर बन सकता है।
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जदयू के कदम को करारा जवाब देने की कोशिश
बिहार के सीएम नीतीश कुमार फिर से दिल्ली के फेर में लग गए है। ऐसे में बिहार में उठापटक पर भी भाजपा की नज़र है। आपको याद होगा कि इंडी गठबन्धन के संयोजक के तौर पर नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत की थी और प्रयागराज से लगे फूलपुर से चुनावी बिगुल फूंकने का ऐलान भी किया था। लेकिन समीकरण बदले और आज जदयू NDA का हिस्सा है। लेकिन दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से उनका मिलान भाजपा की परेशानी बढ़ा सकता है।
अयोध्या से लिया सबक प्रयागराज में प्रयोग
भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों में योगी को दूर ही रखा था। लिहाजा लोकसभा में मंदिर बनने के बावजूद भाजपा को फैज़ाबाद में हार का सामना करना पड़ा था। इस बात से सबक लेते हुए भाजपा अब योगी को मुख्य केंद्र में ही रखते हुए राजनीति का समीकरण सेट करने के मूड में दिख रही है।
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अतीक और मुख्तार पर योगी की सियासत
प्रयागराज से अतीक अहमद और मुख्तार का गहरा नाता है और इनके जीवित रहते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं को मिट्टी में मिला देने वाला बयान दिया था। लिहाज उनके गढ़ में घुसकर योगी 27 में हुंकार भर सकते है।
नए संसद में गई संगोल भी सियासत की धुरी बनेगी
प्रयागराज संग्रहालय से गई न्याय की लाठी संगोल भी प्रयागराज से ही दिल्ली के संसद भवन में स्थापित की गई थी। इसके बारे में बता दें कि आनंद भवन जहां नेहरू जी रहा करते थे। उनके आवास आनंद भवन को संग्रहालय में ताब्दीक कांग्रेस के कार्यकाल में ही कर दिया गया था और फिर संगोल को भी मात्र दर्शन हेतु ही इस भवन में जनता के लिए धर दिया गया था। लिहाज भाजपा ने संगोल को दिल्ली के संसद भवन में स्थापना करवाई और भारतीय संस्कृति का मुजाहिरा किया था। इसलिए बनारस के बाद प्रयागराज भी अब सियासत की केंद्र में प्रमाणिकता दे रहा है।
योगी के महाकुंभ आने की ये भी एक वजह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। हालांकि, 2014 और 2019 की तुलना में 2024 में उनकी जीत सबसे छोटी रही। बीते दो चुनावों में तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के अजय राय ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया। पीएम मोदी ने ये चुनाव 1.52 लाख वोटों के अंतर से जीता। जबकि, पिछली बार उनकी जीत का अंतर 4.79 लाख वोटों का रहा था। काउंटिंग के दौरान एक समय तो ऐसा भी आया था, जहां मोदी अजय राय से दो घंटे तक पिछड़ भी गए थे। दरअसल प्रयागराज की फ्लोटिंग आबादी बनारस के वोटर है, जिसका वोट प्रतिशत लगभग ढाई फीसदी के आसपास है। ये महाकुंभ और योगी का बार बार आना उनको रिझाने की भी कोशिश है।
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