लखनऊ. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ है. लखनऊ नगर निगम के ठुलमुल रवैये के चलते निगम क्षेत्र में कई अवैध डेयरी का संचालन हो रहा था. जिससे क्षेत्र में मवेशियों का आतंक मचा हुआ था. ताजा मामला आज का ही था. जहां रकाबगंज के जोन 6 में दो मवेशियें ने एक युवक और एक लड़की को नुकसान पहुंचाया था. इसका कारण पास में ही संचालित डेयरी थी. लल्लूराम डॉट कॉम पर प्रकाशित खबर के बाद नगर निगम अमले की नींद टूटी. जिसके बाद प्रशासन ने टीम गठित कर अवैध डेयरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की.
नगर आयुक्त के निर्देश पर बुधवार को जोन 5 थाना कृष्णानागर अंतर्गत गीतापल्ली वार्ड में नगर निगम प्रवर्तन दल, पुलिस बल, और कैटल कैचिंग कर्मचारियों के सहयोग से पशु कल्याण अधिकारी के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाया गया. जिसमें मौके पर कुल 24 गाय, 2 बछिया और 1 बछड़े को पकड़कर नगर निगम द्वारा संचालित ठाकुरगंज कांजी हाउस में भेजा गया. जिन्हें नियमानुसार कार्यवाही के बाद ही रिहा किया जाएगा. लगभग 3 घंटे तक चले सघन अभियान में पूरे वार्ड के लोगों की मदद से चिन्हित पशुपालकों के घर-घर जाकर बिना लाइसेंस के पशुओं को जब्त किया गया. जिन घरों में केवल 1 गाय का पालन किया जा रहा था, उनको नगर निगम से लाइसेंस बनवाकर पालने की हिदायत देकर छोड़ा गया.
अभियान में पकड़े गए पशु अवैध डेरी संचालक रज्जू यादव, श्रीपाल उर्फ पाले, शौकत, हनीफ, रईस, आदि के हैं. जिनको उनके द्वारा दूध दुहने के बाद छोड़ दिया जाता था. पशु सड़क पर इधर-उधर गोबर कर गंदगी की जा रही थी. इन पशुओं से वार्ड में दहशत थी. नगर निगम द्वारा अभियान चलता देख कई पशु पालक आपने पशुओं को लेकर भागते दिखे. पशुपालक राम सिंह ने तो अपने पशुओं को ताले में घर के अंदर बंद कर दिया. हालांकि ताला तोड़कर कार्रवाई के लिए पुलिस बल ने मना कर दिया. जिसके खिलाफ नगर निगम सम्बंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएगा. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के क्षेत्र में भ्रमण के दौरान इन अवैध डेरियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. जिस पर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है.
लगातार मिल रही थी शिकायत
कार्रवाई के दौरान पाया गया कि अवैध डेरी संचालकों द्वारा पशुओं को खाली प्लॉट पर बांधकर अतिक्रमण किया गया था. गोबर सड़क पर बहाया जा रहा था. जिससे मुख्य मार्ग बाधित हो रहा था. साथ ही आवागमन प्रभावित होने के साथ-साथ बीमारियों का खतरा बना हुआ था. उक्त क्षेत्रों से लगातार गंदगी को लेकर शिकायतें भी मिल रही थी. गंदगी की वजह से नालियां चोक हो रही थी. कई जनसूचना अधिकार और IGRS के तहत कार्रवाई भी लंबित थी. चेतावनी और नोटिस देने के बाद भी डेरी संचालकों द्वारा पशुओं को नहीं हटाया गया था.
क्या है नियम ?
नगर निगम लखनऊ द्वारा अधिकतम दो गाय लाइसेंस के साथ पालने की अनुमति दी जाती है. नगर निगम अधिनियम 1959 के अनुसार भैंस को अपदूषण कारक पशु माना गया है. अतः नगर निगम लखनऊ द्वारा भैंस पालने की अनुमति नहीं दी जाती है.
उक्त क्षेत्र में अवैध डेरी हटाने का अभियान लगातार चलाया जाएगा.
निगम ने आज कार्रवाई की शुरुआत कर जोन 5 में तो कार्रवाई की है. अब देखना ये है कि जोन 6 में कब तक कार्रवाई होती है. निगम के दावे के मुताबिक अभियान तो जारी रहेगा, लेकिन ये दावा वास्तव में कितना कारगर सिद्ध होता है ये देखने वाली बात है.
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