सत्यपाल सिंह,रायपुर। सरकारी अस्पतालों का हाल और व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों की भुगतना पड़ता है. ऐसा ही मामला रायपुर के डीकेएस (दाऊ कल्याण सिंह) अस्पताल से सामने आया, जहां डॉक्टर ना निर्धारित समय पर अस्पताल आते थे, ना ही ओटी (ऑपरेशन थियेटर) में कदम रखते थे. इस खबर को जब लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया, तब अस्पताल अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा ने डॉक्टरों को शोकॉज नोटिस जारी किया. जिसके बाद डॉक्टर टाइट हुए और उनकी टाइमिंग भी सुधर गई.
डीकेएस अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा ने बताया कि पहले ओटी में प्रतिदिन 2 से 3 प्रतिशत ही डॉक्टरों की उपस्थिति होती थी, लेकिन जब अनुपस्थित डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया, तो व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है. अब प्रतिदिन ओटी की संख्या औसतन 14 हो गई और इमरजेंसी में अलग आते है. इसके साथ ही डॉक्टर निर्धारित समय पर आकर निर्धारित समय तक ड्यूटी कर रहे हैं. इससे मरीजों को राहत मिली है. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की उपस्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है, जो समय का पालन नहीं करते थे, उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है.
बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम ने डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस और ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित रहने की खबर प्रकाशित किया. जिसके बाद अधीक्षक ने संज्ञान लेते हुए आदेश जारी कर रिकॉर्ड खंगाले. फिर मामला सही पाए जाने पर शोकॉज नोटिस हुआ. उसके बाद व्यवस्था में कसावट आने की बात अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा ने कही है.
अब देखना यह होगा कि आगे भी डीकेएस अस्पताल में व्यवस्था ऐसी ही बनी रहती है या फिर बस कुछ दिनों का दिखावा है. हालांकि अधीक्षक ने इस पर संज्ञान लिया है, तो निश्चित तौर व्यवस्था में सुधार बनी रहने की संभावना है. क्योंकि अस्पताल में डॉक्टरों की गैरमौजूदगी और लापरवाही का असर मरीजों पर पड़ता है.