नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव को आय से अधिक संपत्ति मामले पर सीबीआई से राहत मिली है. सीबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि दोनों के खिलाफ लगे आरोप की पुष्टि नहीं हो सकी है. और उसने 7 अगस्त 2013 को शुरुआती जांच बंद कर दी थी.

सीबीआई ने कहा कि मुलायम उनके बेटे अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ संज्ञेय अपराध करने का पहली नजर में कोई साक्ष्य नहीं मिला. प्रारंभिक जांच (पीई) को आपराधिक मामले को प्राथमिकी में तब्दील नहीं किया गया और इसलिए सात अगस्त 2013 के बाद इस मामले में कोई जांच नहीं की गई.

सीबीआई ने अपने 21 पेज के हलफनामे में कहा कि 13 दिसंबर 2012 के फैसले में अदालत द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन करते हुए जांच की गई और यह पाया गया कि प्रतिवादियों के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप सही नहीं पाए गए.

सीबीआई एसपी ने हलफनामे में कहा कि इस मामले में दर्ज पीई के तहत आगे की जांच अदालत के 13 दिसंबर 2012 के फैसले के बाद शुरू और सात अगस्त 2013 को पूरी हुई. मैं सम्मानपूर्वक कहना चाहता हूं कि चूंकि संदिग्धों के खिलाफ संज्ञेय अपराध के साक्ष्य जांच में पहली नजर में नहीं मिले इसलिए इस मामले की पीई को आपराधिक मामले को प्राथमिकी में नहीं बदला गया और सात अगस्त 2013 के बीच इस मामले में जांच नहीं की गई.