
पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती जंगल गंगालुर में शुक्रवार को पुलिस से हुई मुठभेड़ में 26 नक्सली मार गिराए थे. मुठभेड़ के बाद लल्लूराम डॉट कॉम की टीम आधा दर्जन नालों और घनघोर जंगल को पार कर पहुंचे मौके पर पहुंची. वहां मौजूद ग्रामीणों ने जो बयां किया वह किसी रोमांचक एक्शन फिल्म की कहानी को भी पीछे छोड़ देती है. यह भी पढ़ें : विश्व जल दिवस विशेष : मैं इंद्रावती हूं, मेरी चिंता आज नहीं तो कब करेंगे, बस्तर की जीवन रेखा खतरे में…पानी की जगह अब रेत ही रेत
इतनी बड़ी मुठभेड़ के बाद आस-पास के आधा दर्जन गांव में सन्नाटा पसरा है. मौके पर करीब तीन पंचायत के लोग जमा थे, जो ताबड़तोड़ गोलियों से दहले और सहमे थे. गंगालूर एरिया कमेटी की कंपनी नंबर 2 से पुलिस की सीधी मुठभेड़ थी. पापाराव की मौजूदगी की खबर पर जवानों ने घेराबंदी की थी, लेकिन मुठभेड़ के बाद पापाराव रफूचक्कर हो गया.

गांव में रहने वाला 13 वर्षीय हूंगा कहता है कि लगातार तीन दिनों से नक्सलियों का आना-जाना लगा हुआ था. रात को ही फोल ने गांव को घेर लिया था. सुबह 7 बजे से गोली चली, फिर 5 घंटे तक गोली चलती रही. बीच में एक घंटे के लिए गोलीबारी थमी थी. गोलीबारी से मदनपुरा के पहाड़ के नीचे हर्रा का जंगल दहल उठा था.
तमाम नक्सली एक जगह सोए थे. पुलिस गोलीबारी शुरू होते ही नक्सली बचते-बचाते एक-एक कर मौके से भागे. मौके पर कुल 34 नक्सली जमा थे, जिनमें से महज आठ नक्सली ही जान बचाने में कामयाब रहे. नक्सलियों के साथ रमलू मधु से मिलने आया 12 वर्ष भाई भी मारा गया.
जवानों का कैंप में हुआ जोरदार स्वागत
सफल ऑपरेशन के बाद कैम्प लौटे जवानों का जोरदार स्वागत किया गया. 47 बटालियन के कमांडेंट विजेंद्र नाथ ने जवानों के साथ भारत माता की जयकारा के साथ फूलों से स्वागत किया. दो दिन के नक्सल ऑपरेशन में 4 नक्सलियों को मार गिराने के बाद जवान लौटे थे.
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