रोहित कश्यप, मुंगेली। ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही भूपेश बघेल सरकार की गोधन न्याय योजना को अलग-अलग वर्ग अपने-अपने नजरिए से देख रहा है. कोई इसे किसानों और पशु पालकों के आर्थिक उत्थान के लिए बेहतरीन योजना बता रहा है, तो कोई इसके परिणाम स्वरूप मवेशियों के खुले में नहीं घूमने से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी की उम्मीद जता रहा है.

सामाजिक कार्यकर्ता रामकिंकर परिहार का कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन गोधन न्याय योजना के जरिए दो रुपए किलो में गौ पालकों से गोबर खरीदेगी. यह सरकार का बहुत ही सराहनीय कदम है. सरकार की सोच बहुत ही दूरगामी है, अगर यह सही तरीके से धरातल पर उतर जाये. सरकार के इरादे तो नेक हैं, बस नुमाइंदे क्या करते हैं इस पर सफलता और असफलता निर्भर करती है.

परिहार करते हैं कि आज देश में चारागाह खत्म होते जा रहे हैं, हर गांव में 50 एकड़ से अधिक का चारागाह जमीन है, लेकिन वह अवैध कब्जे की भेंट चढ चुकी है. चारागाह की कमी के कारण कोई भी अपने घर में जानवर पालना नहीं चाहता है. या गाय पालने में होने वाले खर्च को देखते हुए अपने जानवरों को औने-पौने दाम पर बेच रहे हैं. कुछ तो मुफ्त में भी दे रहें हैं. इन सबका फायदा गौ तस्कर उठा रहे हैं. इन तमाम विसंगतियों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बहुत ही अच्छी योजना शुरू करने जा रहे है.

स्टार्स ऑफ टुमारो वेलफेयर सोसाइटी सामाजिक संस्था के संयोजक रामपाल सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह योजना किसानों-पशुपालकों के साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में अच्छी है. मगर इस योजना की सफलता इसके क्रियान्वयन के ऊपर निर्भर करता है, क्योंकि यह योजना जब धरातल स्तर पर मूर्त रूप लेगी, तब ही इसे सफल माना जाएगा. छत्तीसगढ़ की पीडीएस योजना प्रणाली जिस तरह से देश में मॉडल साबित हुई है, ठीक वैसे ही यह योजना भी आगे चलकर देश में एक मॉडल बन जाएगी.

सत के ज्योति स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष हेमस्वर्ण लता और सचिव अनूपा दिवाकर का कहना है कि सरकार की इस योजना से जहां महिला समूह के सदस्यों को ना सिर्फ रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, बल्कि महिला सशक्तिकरण और लघु उद्योग की दिशा में उठाया गया बेहतरीन कदम है. ग्राम पंचायत जरहागांव के सरपंच धीरसिंह बंजारे का कहना इस योजना से न सिर्फ जैविक खाद के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ेगी और रासायनिक खाद के उपयोग में कमी आएगी, बल्कि इसके अलावा जानवरों को इधर-उधर छोड़ने के बजाय पशु पालक घर में गौठान में पशुओं को रखेंगे.

नगर पालिका मुंगेली के बीजेपी पार्षद प्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता विनोद यादव का कहना है कि सरकार की गोधन न्याय योजना सराहनीय तो है,लेकिन मुंगेली नगरीय प्रशासन की गंभीरता क लेकर सवाल है. रोका छेका अभियान के तहत आवारा मवेशियों के खिलाफ नगरीय प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति करने में लगा है, जबकि इस योजना को सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरीके से गंभीरता से क्रियान्वयन कराने की मंशा है, ठीक वैसे ही शहरी क्षेत्रों में भी योजना मूर्त रूप ले, तभी सार्थकता मानी जायेगी.

माँ लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष ज्योति कश्यप का मानना है कि कोरोना काल में लोगों के पास रोजगार के साधन नहीं हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार की इस योजना से महिलाएं ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनेगी, बल्कि रोजगार की दिशा में कार्य होने से उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.

ग्राम पंचायत छतौना के सरपंच रज्जा (अमित लाल) का कहना है कि शासन के निर्देश के मुताबिक महिला समूह के सदस्यों, पशुपालकों व चरवाहों को योजना के बारे में जानकारी दी जा रही है. उनका मानना है कि इसे लेकर महिला समूह के सदस्य से लेकर किसानों व चरवाहों में भी उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि यह योजना सिर्फ और सिर्फ किसान केंद्रित है.

युवा नेता अखिलेश सरकार की इस योजना की तारीफ करते नहीं थकते, क्योंकि सरकार ने जिस तरह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर नरवा, गरुवा, घुरुवा अरु बारी के बाद फिर गोधन योजना की शुरुआत की है. केवल किसान और पशुपालक ही नहीं पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार भी इस योजना में रुचि ले रहे हैं, जिससे योजना का सफल होना तय है.