रायपुर। पांच राज्यों में हो रहे चुनावों में सीटों की संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश का चुनाव है. यूपी में कांग्रेस के चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अहम भूमिका अदा कर रहे हैं. चुनाव प्रचार की गहमा-गहमी और व्यस्तताओं के बीच मुख्यमंत्री ने लल्लूराम डॉट कॉम के राजनीतिक संपादक रूपेश गुप्ता से विशेष साक्षात्कार किया, जिसमें पहले चरण के चुनाव से लेकर आसन्न सातवें चरण के चुनाव तक बन रही स्थिति को लेकर अपने आंकलन को साझा किया.
सवाल – सातवें 24 घंटे से ज़्यादा का वक़्त है. क्या उम्मीदें हैं आपको, वाराणसी अब पॉलिटिकल सेंटर बन चुका है.
सीएम बघेल – यह सातवें चरण का चुनाव है, और पूरे सभी राजनीतिक दलों के नेता यहां डेरा डालें हुए हैं. बनारस चूंकि प्रधानमंत्री जी का निर्वाचन क्षेत्र में इसलिए सबका आकर्षण बना हुआ है लेकिन यहां जो चुनाव है वह कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच में है जो इनके लोकसभा क्षेत्र हैं और उसमें तीन क्षेत्र है जिसमें कांग्रेस जीतने की स्थिति में है.
सवाल – इस चुनाव में बहुत सारी बयानबाजियां हैं, और उनमें बदलाव भी नज़र आ रहा है. आपने कहा कि हम जीत रहे हैं, भाजपा हार रही है. लेकिन योगी कह रहे हैं कि 275 से ज़्यादा सीटें आ रही हैं.
सीएम बघेल – देखे ये उनका मुगालता है. वैसे भी भारतीय जनता पार्टी के अंदर में एक-दूसरे को निपटाने का कवायद बहुत तेजी से चला और इसमें बहुत सारे दिग्गज धराशाई होंगे. यह लड़ाई चुनाव के बहुत पहले ही शुरू हो चुकी थी. दिल्ली में इसकी पूरी बिसात बिछ गई थी, और उसमें योगी आदित्यनाथ को रिप्लेस करने की बात हो रही थी. भाजपा नेताओं के बीच में तनाव पैदा हुआ, जो बहुत सारे कार्यक्रमों में दिखा भी. भारतीय जनता पार्टी के नेता एक-दूसरे को निपटाने में लगे हुए हैं, और उसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भुगतना ही पड़ेगा.
और दूसरी बात यह है कि जो आम जनता है वह अपनी समस्याओं से जूझ रही है, चाहे वह छुट्टा जानवर हो, चाहे धान हो, गेहूं की कीमत कम मिल रहा है, चाहे वह किसान आंदोलन की बात है, जिसमें किसानों की छाती में गाड़ी चला देना. नौजवान परेशान हैं, रोजगार नहीं मिल रहा है. नौकरी तो मिल नहीं रही है, लेकिन पीठ में लाठियां बरसाई जा रहा है. इससे लोग परेशान हैं. महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं, महंगाई की मार इतनी है कि अब गैस सिलेंडर जो मिला है, वह केवल प्रदर्शन का वस्तु बन गए हैं, उसका उपयोग नहीं होता है. चूल्हे में लकड़ी में धुए में कंडे में वह लोग खाना पका रहे हैं. यह सारी चीजें हैं, जो मांगा है कि जो मार है, बेरोजगारी है, किसानों की परेशानी है, यह बड़ा मुद्दा है व्यापारी भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार से नाखुश हैं, क्योंकि किसानों और मजदूरों की जेब में पैसा नहीं है तो व्यापार कहां से चलेगा.
सवाल – लंबे समय बाद चुनाव मुद्दे के आधार पर हो रहा है. मुद्दे आप लोगों ने सेट किये, क्या मुद्दों का फायदा आपलोगों को मिलेगा भी?
सीएम बघेल – निश्चित रूप से मिलेगा, क्योंकि प्रियंका जी के नेतृत्व में कांग्रेस का ढांचा खड़ा किया गया. ढांचा खड़ा करने के साथ-साथ जिन मुद्दों को लेकर लड़ाई लड़ी गई, जिसे घरों तक हम लोगों को पहुंचाने में सफलता मिली. मुझे पूरा विश्वास है उत्तर प्रदेश की जनता इन सवालों का उत्तर जरूर ढूंढेंगी और कांग्रेस को उनका आशीर्वाद मिलेगा.
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सवाल – चुनाव में यूक्रेन ले आये हैं. वे कह रहे हैं कि भारत की बढ़ती ताकत का असर है कि यूक्रेन में हम इतने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दे पा रहे हैं. इस पर क्या प्रतिक्रिया है?
सीएम बघेल – यदि यूक्रेन में हमारे 20,000 बच्चे फंसे हुए हैं, यदि उसे बाहर सुरक्षित नहीं निकाल पाए यह तो प्रधानमंत्री की नाकामी है कि चार-चार मंत्रियों को भेजना पड़ा. एक समय था जब खाड़ी के देशों से पौने दो लाख लोगों को निकाला गया था, और आसानी से निकल गया, कोई घटना ही नहीं हुई. यहां 20,000 को निकालने में पसीना छूट रहा है, जिसमें मौतें भी हो गई और लोग अभी भी भूखे प्यासे तड़प रहे हैं. अभी और कितने सुरक्षित निकलेंगे, इसका दावा नहीं कर पा रहे हैं. सबसे पहली बात यह है कि वहां युद्ध होने वाला है, और कब युद्ध छिड़ेगा, उसके पहले कदम उठा लेना था जो कि नहीं उठाया. इसी कारण से उनकी नाकामी के कारण से हमारे बच्चे वहां फंसे हुए हैं.
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