पटना। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य एक बार फिर चर्चा में हैं। विधानसभा चुनाव के बाद परिवार में हुए विवाद के बाद उन्होंने राबड़ी आवास छोड़ दिया था और लगातार सोशल मीडिया पर अपने विचार रखती रही हैं। गुरुवार को किए गए उनके ताजा एक्स पोस्ट ने राजनीतिक हलकों में फिर हलचल मचा दी।

महिलाओं के अधिकारों पर कड़ा सवाल

रोहिणी आचार्य ने लिखा कि लड़कियों को 10,000 रुपये देना या साइकिल बांटने जैसी योजनाएं नेक इरादों से भले हों, पर ये महिलाओं के वास्तविक सशक्तिकरण के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में व्याप्त व्यवस्थागत खामियों को दूर किए बिना बेटियों के अधिकार सुरक्षित नहीं हो सकते। सरकार और समाज दोनों का दायित्व है कि लड़कियों को समान अधिकार सुनिश्चित करें खासकर ऐसे माहौल में जहां उन्हें अक्सर उदासीनता झेलनी पड़ती है।

मायका होना चाहिए सुरक्षित स्थान

उन्होंने कहा कि बिहार में पितृसत्तात्मक सोच गहरे स्तर पर मौजूद है जिसे बदलने की जरूरत है। हर बेटी को यह भरोसा मिलना चाहिए कि उसका मायका ऐसा स्थान है जहां वह बिना डर अपराधबोध या स्पष्टीकरण दिए लौट सकती है। यह केवल प्रशासनिक कदम नहीं बल्कि महिलाओं को भविष्य के शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।

सरकारी नोटिस पर भी जताई थी नाराजगी

इससे पहले 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास को खाली कराने के नोटिस पर भी रोहिणी ने प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने सरकार पर लालू प्रसाद यादव के अपमान का आरोप लगाया था और कहा था कि घर से निकाल देंगे पर जनता के दिल से कैसे निकालेंगे।