कुंदन कुमार/पटना। बिहार की सियासत के लिए एक बड़ा झटका देने वाली खबर सामने आई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बहुचर्चित IRCTC घोटाले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित कुल 14 आरोपियों पर गंभीर आपराधिक आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी लालू यादव की जानकारी में हुई और उन्होंने इसमें सीधा हस्तक्षेप किया। यह फैसला ऐसे समय आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। आरोप तय होने के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की रणनीतिक स्थिति पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
कोर्ट में लालू यादव की पेशी और जवाब
सुनवाई के दौरान जब अदालत ने लालू यादव से पूछा कि क्या वे आरोप स्वीकार करते हैं या ट्रायल का सामना करेंगे, तो उन्होंने साफ कहा सभी आरोप झूठे हैं। मैं निर्दोष हूं। इस केस में तीनों लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव – एक ही वाहन से राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे, जिससे इस मामले की गंभीरता और राजनीतिक गर्माहट का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इन धाराओं के तहत आरोप तय
कोर्ट ने जिन धाराओं में आरोप तय किए हैं, वे बेहद गंभीर मानी जाती हैं: IPC 420 धोखाधड़ी, IPC 120B – आपराधिक साजिश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) और 13(2) – लोक सेवकों द्वारा गलत तरीके से लाभ पहुंचाना
क्या है IRCTC घोटाला?
यह मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। CBI के अनुसार इस दौरान IRCTC के दो होटलों – एक रांची में और दूसरा पुरी में – का रखरखाव और संचालन सुझाता होटल्स नामक निजी कंपनी को गैरकानूनी तरीके से ठेके पर दिया गया। जांच में सामने आया कि इस सौदे के एवज में लालू यादव के परिवार को पटना में एक कीमती जमीन दी गई। CBI ने दावा किया कि यह सौदा पूरी तरह से लालू यादव की मंजूरी और हस्तक्षेप से हुआ था। इस केस में लालू परिवार के साथ-साथ IRCTC के तत्कालीन अधिकारी वीके अस्थाना, आरके गोयल और सुझाता होटल्स के निदेशक विजय और विनय कोचर भी आरोपी बनाए गए हैं।
लैंड फॉर जॉब मामले में भी आज सुनवाई
IRCTC घोटाले की सुनवाई के साथ ही आज ही अदालत में लैंड फॉर जॉब (जमीन के बदले नौकरी) मामले में भी चार्ज फ्रेम की कार्यवाही होनी है। हालांकि इस केस में लालू या तेजस्वी की मौजूदगी अनिवार्य नहीं है। इस मामले में CBI का आरोप है कि रेल मंत्रालय में नौकरियों के बदले लालू परिवार के नाम पर जमीन ली गई और यह सब कुछ तब हुआ जब लालू रेल मंत्री थे। लगभग सभी मामलों में पहले जमीन ट्रांसफर की गई फिर नौकरी दी गई। कई मामलों में गिफ्ट डीड तैयार की गई लेकिन नकद लेनदेन भी हुआ।
CBI की रिपोर्ट और पिछली पूछताछ
CBI की रिपोर्ट के मुताबिक लालू यादव के करीबी भल्ला यादव गांव-गांव जाकर लोगों से कहते थे कि अगर वे अपने परिजनों को रेलवे में नौकरी दिलवाना चाहते हैं तो अपनी जमीन लालू परिवार के नाम कर दें। जमीन देने वाले अधिकतर लोगों ने कहा कि उन्हें नकद भुगतान किया गया, लेकिन कोई वैध दस्तावेज नहीं मिले। इस मामले में जनवरी 2024 में लालू और तेजस्वी यादव से लंबी पूछताछ हुई थी। लालू यादव से 10 घंटे तक 50 से ज्यादा सवाल पूछे गए, जिनमें ज्यादातर का जवाब उन्होंने हां या ना में दिया। पूछताछ के दौरान लालू यादव कई बार नाराज भी हुए। तेजस्वी से 30 जनवरी को करीब 11 घंटे तक सवाल-जवाब हुआ।
क्या असर पड़ेगा बिहार चुनाव पर?
IRCTC घोटाले और लैंड फॉर जॉब मामले में कोर्ट की कार्रवाई ने बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। चुनाव से ठीक पहले लालू परिवार पर लगे इन आरोपों से RJD की छवि को नुकसान हो सकता है और विपक्ष को हमले का मौका मिल गया है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन मामलों में कार्रवाई तेज होती है या ट्रायल में गंभीर मोड़ आता है तो RJD को आगामी विधानसभा चुनावों में सामान्य से ज्यादा चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल कोर्ट ने दोनों मामलों में आरोप तय कर आगे की सुनवाई के लिए तारीख तय कर दी है। IRCTC केस में अब ट्रायल शुरू होगा, जबकि लैंड फॉर जॉब केस में आरोप तय होने की प्रक्रिया आज पूरी हो सकती है।
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